नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सरकारी और प्राइवेट बैंकों को लोन वसूली की कार्रवाई में कठोर कदम नहीं उठाए जाने का निर्देश दिया है. लोन वसूली में कस्टमर्स के साथ मानवीयता या संवेदनशीलता को ध्यान में रखें. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सभी क्षेत्रों के बैंक्स को आदेश जारी कर दिया गया है. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वित्त मंत्री ने यह जानकारी दी है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान छोटे कर्जदारों द्वारा लिये गये लोन रीपेमेंट से संबंधित एक प्रश्न पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मैंने इस बारे में शिकायतें सुनी हैं कि कुछ बैंकों द्वारा ऋण चुकाने में कितनी बेरहमी बरती गई है. सरकार ने सार्वजनिक और निजी सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि जब ऋण भुगतान की प्रक्रिया की बात आती है तो कठोर कदम नहीं उठाए जाने चाहिए और उन्हें इस मामले को मानवता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए.
मद्रास हाईकोर्ट ने जबरिया वसूली पर लगाया था प्रतिबंध
मद्रास हाईकोर्ट ने बीते जून महीना में कहा था कि यदि बैंकों को बकाया ऋण राशि वसूल करनी है तो उसे कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वसूल किया जाना चाहिए. बाहुबल या जबरिया वसूली किसी भी सूरत में नहीं की जानी चाहिए. एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि निजी एजेंटों द्वारा वसूली की जबरदस्ती की प्रक्रिया यदि बैंकों द्वारा नियुक्त की गई है तो यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. बैंक लोन वसूली में बाहुबल का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
आरबीआई भी बैंकों पर प्रतिबंध की चेतावनी दे चुका
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2008 के एक शासनादेश में बैंकों को चेतावनी दी थी कि यदि उसे एजेंटों के बारे में शिकायतें मिलती हैं तो वह वसूली एजेंटों को शामिल करने पर बैंक पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है. इसके अलावा बैंकों को समय-समय पर अपने वसूली तंत्र की समीक्षा करने और दिशानिर्देशों में सुधार के लिए अपनी प्रतिक्रिया/सुझाव देने के लिए कहा गया था. तब से केंद्रीय बैंक ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा नियुक्त वसूली एजेंटों द्वारा उत्पीडऩ को रोकने के उद्देश्य से नियमित रूप से परिपत्र जारी किए हैं.
कईयों पर लगा चुका है आरबीआई जुर्माना
आरबीआई ने मार्च 2023 में लोन रिकवरी एजेंट्स पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए आरबीएल बैंक लिमिटेड पर 2.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा था कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान मुंबई स्थित लोन देने वाले के रिकवरी एजेंटों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद आरबीआई ने रेगुलेटरी की कमियां पाई. आरबीआई ने अपने विभिन्न मानदंडों के उल्लंघन के लिए कई सहकारी बैंकों पर जुर्माना भी लगाया है. अगस्त 2022 में उसने नए निर्देश जारी कर रिकवरी एजेंटों को लोन लेने वालों को डराने-धमकाने और उन्हें सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद बुलाने पर रोक लगा दी थी.