कोयले की संकट से जूझ रहा दीपका खदान,खदान बंद होने के कगार पर
राष्ट्र संवाद संवाददाता कमाल अहमद
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड दीपका खदान इन दिनों कोयला की संकट से जूझ रहा है जब तक खदान आगे नहीं बढ़ेगा गांव खाली नहीं होगा तब तक ऐसी संकट दीपका खदान को घेरे रहेगी समय पर गांव वालों को उचित मुआवजा रहने के लिए बसाहट दी गई होती तो आज इस संकट से नहीं जूझ रहा होता। अगर जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया तो खदानों का संचालन बंद होने के कगार पर है। कोयला निकासी के लिए प्रबंधन के पास अब पर्याप्त जमीन नहीं है भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण और बसाहट की प्रक्रिया में हो रही देरी और लापरवाही इसका मुख्य कारण है। पहले जिन मुद्दों को हल नहीं किया गया अब वह एक बड़ा संकट के रूप में सामने आ खड़ा है। अधिकारियों की लापरवाही हमेशा को भू स्थापित समय-समय पर उजागर करते रहे हैं अधिकारियों के कार्य शैली अच्छी नहीं होने के कारण इसका नुकसान भविष्य को हमेशा भुगतना पड़ा है अधिकारी आते रहे अपना कार्यकाल पूरा कर जाते रहे अपनी जिम्मेदारी से कार्य किए होते तो आज दीपका खदान की यह स्थिति नहीं होती और दीपका खदान का विस्तार बहुत तेजी से बढा रहता। आपको बता दें प्रोडक्शन से संबंधित जितनी भी प्राइवेट कंपनियां काम कर रही है इनका व्यवहार भू स्थापितों के साथ अच्छी नहीं रही ना ही भू स्थापित बेरोजगारों पर विशेष ध्यान दिया गया इन प्राइवेट कंपनियों के द्वारा। अभी कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाले सी एम डी हेडक्वार्टर बिलासपुर के सामने एक बड़ी चुनौती है।