कांग्रेस नेताओं ने अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया, कहा- इसमें आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है
कांग्रेस के कई सांसदों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें देश की आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को अगले वित्त वर्ष के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने वाला अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है।
उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।
बेरोजगारी जैसे मुद्दे का उल्लेख ही नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘बजट भाषण बहुत छोटा और निराशाजनक था। बहुत अधिक बयानबाजी थी। कई मुद्दों को छुआ नहीं गया। बेरोजगारी जैसे मुद्दे का उल्लेख ही नहीं किया गया।” उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार अपनी विफलता को भी सफलता को रूप में पेश करेगी। आम भारतीय मतदता से पूछिए कि सरकार की नीतियों से उसकी जेब में क्या मिला तो इसका जवाब मिल जाएगा कि देश का आम आदमी क्या सोचता है।”
‘यह बजट निराशाजनक है’
लोकसभा में कांग्रेस सचेतक मणिकम टैगोर ने दावा किया, ‘‘यह बजट निराशाजनक है। यह कारपोरेट का हितैषी बजट है। इसमें गरीबों और आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है।” कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया, ‘‘चालू वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपये का बजट घाटा है। आने वाले साल में यह और बढ़ेगा। इसका मतलब है कि सरकार कर्ज लेकर अपना खर्च चला रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने अपनी वाहवाही की है और 10 साल पहले की सरकार को कमतर दिखाने की कोशिश की है। सदन में चर्चा के दौरान इसका विस्तृत जवाब दिया जाएगा।”