महाराष्ट् में कांग्रेस ने महायुति पर मंत्रिमंडल बैठक पर 150 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन पर मंगलवार को तीखा हमला करते हुए उस पर अहिल्यानगर जिले में मंत्रिमंडल बैठक की तैयारियों पर 150 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दी कि उसने प्रस्तावित मंत्रिमंडल बैठक के लिए 1.5 करोड़ रुपये के कार्यों की निविदा के लिए विज्ञापन दिया था, लेकिन इसमें उक्त राशि “गलती से” 150 करोड़ रुपये प्रकाशित हो गई।
सपकाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अखबारों में प्रकाशित निविदा नोटिस साझा की, जिसमें कहा गया था कि बैठक के लिए मंडप, मंच, विश्राम कक्ष, शौचालय, अवरोधक, ध्वनि प्रणाली, एयर कंडीशनर, बिजली, अग्निशमन उपाय और सीसीटीवी की व्यवस्था पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
नोटिस में कहा गया है कि 24 अप्रैल को ई-निविदा जारी की जाएगी।
महाराष्ट्र के चोंदी में 29 अप्रैल को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होनी है, जो 18वीं शताब्दी की महान रानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्मस्थली है। राज्य में अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाई जा रही है। पिछले साल, अहिल्याबाई के सम्मान में पश्चिमी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का नाम बदलकर अहिल्यानगर कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता ने पोस्ट में दावा किया कि सरकार ने कहा था कि राज्य वित्तीय संकट में है।
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि महायुति सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा योजना बंद कर दी है, पिछले साल विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए वादे के अनुसार महिलाओं के लिए ‘लाडकी बहिन’ योजना के तहत वित्तीय सहायता राशि में बढ़ोतरी नहीं की है और कृषि ऋण माफ करने से इनकार कर दिया है।
सपकाल ने लिखा, “चोंदी में होने वाली मंत्रिमंडल बैठक के लिए मंडप निर्माण और अन्य व्यवस्थाओं पर 150 करोड़ रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले हफ्ते जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रायगढ़ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सुनील तटकरे के घर गए थे, तब हेलीपैड बनाने पर 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “सरकार में बैठे ताकतवर लोग पांच सितारा सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे हैं, जिससे जनता आर्थिक कठिनाई में है।”
वहीं, राज्य सरकार ने एक आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि विज्ञापन प्रस्तावित मंत्रिमंडल बैठक के लिए 1.5 करोड़ रुपये के कार्यों से संबंधित था, लेकिन इसमें आंकड़ा गलती से 150 करोड़ रुपये छप गया था।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कहा कि विज्ञापन के लिए जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि यह 1.5 करोड़ रुपये का है।
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने निविदा मुद्दे पर सपकाल द्वारा सरकार की आलोचना को “बचकाना” करार दिया।
बावनकुले ने कहा, “लोक निर्माण विभाग, अहिल्यानगर ने चोंदी में प्रस्तावित मंत्रिमंडल बैठक के लिए 21 अप्रैल को एक विज्ञापन प्रकाशित किया। इस विज्ञापन के लिए जारी आदेश में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इसकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये है।”
उन्होंने कहा कि यह आदेश दो अखबारों में प्रकाशित किया गया था, लेकिन उनमें से एक ने इसकी राशि को “गलत रूप में” छापा था।
सपकाल ने बावनकुले पर पलटवार करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि चूंकि आप राजनीति में बहुत वरिष्ठ हैं, इसलिए आप आंकड़े पढ़ सकते हैं। किसी अखबार की बचकानी आलोचना करने के बजाय जनसंपर्क विभाग से जानकारी प्राप्त करें। विभाग ने स्वीकार किया है कि उससे अनजाने में गलती हुई है।