दिल्ली में नेहरू मेमोरियल का नाम बदला तो भड़क गई कांग्रेस
नई दिल्ली : दिल्ली में नेहरू मेमोरियल का नाम बदल गया है। नेहरू मेमोरियल को अब प्रधानमंत्री संग्रहालय के नाम से जाना जाएगा। कांग्रेस ने नेहरू मेमोरियल के नाम बदलने को लेकर आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा कि यह छोटी सोच का परिणाम है। कांग्रेस का कहना है कि नेहरू का नाम तो हटा दोगे लेकिन लोगों के दिल से नेहरू का नाम कैसे मिटा पाओगे। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की भागीदारी में हर रंग दिखाना जरूरी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में सभी पीएम का योगदान हमें दिखाना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत नाम बदला गया।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने से एक व्यक्ति ने फिर एकबार अपने छोटेपन का प्रदर्शन किया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने पूर्व पीएम अटल बिहारी के वक्तव्य का जिक्र किया-छोटे मन से कोई बड़ा नहीं बन सकता। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दूसरों का नाम मिटाकर खुद को बड़ा करने वाले को देश के लोग महान नहीं मान सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 59 साल से कांग्रेस मेमोरियल की लाइब्रेरी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी से लोग ज्ञान अर्जित कर अगली पीढ़ी को प्रेषित करते थे। कांग्रेस ने कहा कि 140 करोड़ लोगों के दिल में पंडित जी का नाम लिखा जा चुका है उसे कैसे हटाओगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ये सब तुच्छ और छोटी हरकतें कर के आप पंडित नेहरू का नाम और बढ़ा रहे हो। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू भारत के शिल्पकार हैं और आने वाले 1000 साल तक उन्हें शिल्पकार माना जाएगा।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में फैसला
इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के नाम बदलने का फैसला एक विशेष बैठक के बाद लिया गया। इसमें प्रधान मंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी में बदलने का संकल्प लिया गया। विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा, राष्ट्र की रक्षा और विकास में किए गये योगदान का सम्मान करने के लिए, नई दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ की स्थापना की है। यह संग्रहालय भारत की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है और देश के लोकतंत्र की जीवंतता और सफलता की कहानी भी कहता है।