बेगूसराय; स्थानीय आर्य समाज मंदिर बारो के प्रांगण में छत्रपति शिवाजी का जन्म जयंती समारोह मनाया गया का आयोजन किया गया कार्यक्रम।की।अध्यक्षता सचिन मेहता एवं मंच संचालन गोविंद आर्य ने किया! सभा को संबोधित करते हुए सचिन मेहता ने कहा कि शिवाजी भारत के वीर सपूतों में से एक हैं, जिनकी शौर्यगाथा इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई है। शिवाजी महाराज एक देशभक्त के साथ ही एक कुशल प्रशासन और साहसी योद्धा थे। उन्होंने मुगलों को परास्त किया था। राष्ट्र को मुगलों के चंगुल से आजाद कराने के लिए उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी। राष्ट्रवादी विचारक जितेंद्र कुमार ने बतलाया कि बचपन में शिवाजी अपनी आयु के बालक इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। युवावस्था में आते ही उनका खेल वास्तविक कर्म शत्रु बनकर शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले आदि भी जीतने लगे। आर्य समाज के पुरोहित ने बताया कि प्रकाश आर्य एवं प्रधान रविंद्रनाथ आर्य ने बताया कि शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य इसलिए नहीं कि उनकी सेना में तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे ही, अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे। वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था। मौके पर ओम प्रकाश आर्य, आर्य समाज के उप मंत्री विष्णु आर्य, विशाल आर्य, आचार्य अंजली आर्य , अमिषा आर्य , अन्नु आर्य, राहुल, गोकुल, सत्यम एवं दर्जनों गनमान्य उपस्थित थे ।