पंचायती नहीं पक्षपात करती है सीजीपीसी: कुलविंदर
सिख पंथ में संबंध विच्छेद की गुंजाइश नहीं
जमशेदपुर। कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने कहा कि सीजीपीसी (सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के पदधारी किसी भी सामाजिक धार्मिक मामले में पंचायती नहीं बल्कि पक्षपात करती है। यह हमेशा ताकतवर एवं प्रभावशाली लोगों के पक्ष में खड़ी रहती है और कमजोर लोगों को दबाने का काम करती है। जिला पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी तथा न्यायालय में कमजोर वर्ग व्यक्ति के साथ न्याय होने की उम्मीद है परंतु सीजीपीसी से ना उम्मीद और निराश होना पड़ता है। बारीडीह एवं सीतारामडेरा गुरुद्वारा का मामला पूरे शहर में जग जाहिर है कि सेंट्रल कमेटी के दो चार पदाधिकारी की भूमिका कितनी गंदी, अविवेकपूर्ण और पक्षपात वाली रही है। इन्हें धर्म, पंथ, समाज से कुछ मतलब नहीं बल्कि इसकी आड़ में अपना व्यवसाय चमकाने की पड़ी रहती है।
सिख पंथ में विवाह के संबंध विच्छेद का कोई प्रावधान नहीं है। श्री अकाल तक साहब से भी आदेश जारी है कि गुरुद्वारा कमेटी ऐसा कोई फैसला नहीं करेगी जिसमें विवाह का संबंध विच्छेद किया जाए।
सिखों ने खुद सरकार पर दबाव बनाकर आनंद मैरिज एक्ट कानून बनवाया है जिसमें भी संबंध विच्छेद की गुंजाइश नहीं है। फिर गुरुद्वारा कमेटी क्यों संबंध विच्छेद जैसा पाप कर रही है।
ऐसा कई बार देखने को मिला है जब गुरुद्वारा कमेटी में संबंध विच्छेद कर दिया गया है और लड़का लड़की ने दूसरी शादी कर ली है परंतु कोर्ट में उन्हें अपना केस हारना पड़ा है।
कुलविंदर सिंह के अनुसार जिला एसएसपी, सिटीएसपी, डीएसपी एवं थाना प्रभारी को सीजीपीसी के शब्द जाल में फंसने की जरूरत नहीं है कानून के अनुसार उन्हें अपना काम करना चाहिए। जब भारतीय न्यायिक व्यवस्था में प्री लिटिगेशन, मिडियेशन जैसे प्रावधान है तो फिर बाहरी मनमाने ढंग से पंचायती करने वाली व्यवस्था की जरूरत क्या है?