वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में, कृषि क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कुछ चीजों पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट सेस लगाने का एलान किया. यह नया एग्री इंफ्रा सेस मंगलवार (2 फरवरी, 2021) से लागू होगा. कच्चे तेल पर 17.5% कृषि सेस, कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर 20% का सेस लगाया है. ग्राहकों पर कीमतों का अतिरिक्त भार न पड़े इसके लिए इन पर बेसिक सीमा शुल्क (बीसीडी) में कटौती की गयी है. इन चीजों में सेब (15%), एल्कोहॉलिक पेय पदार्थ (50%), कच्चे खाद्य तेल (15%), कोयला (1%), अमोनियम नाइट्रेट (2.5%), मटर, काबुली चना, बंगाल चना, मसूर (10%) फीसदी शामिल हैं.
2.5 प्रतिशत से 100 फीसदी तक लगाया गया सेस
उत्पाद – एग्री इंफ्रा सेस
क्रूड पाम ऑइल -17.5%
क्रूड सोयाबीन- 20%
सूरजमुखी – 20%
एल्कोहॉलिक पेय पदार्थ – 100%
गोल्ड, सिल्वर और डोर बार – 2.5%
सेब – 35%
स्पेसिफाइड फर्टिलाइजर – 05%
उत्पाद – एग्री इंफ्रा सेस
कोयला – 1.5%
काबुली चना- 30%
मटर – 10%
चना – 50%
मसूर – 20%
पेट्रोल 2.5 रुपये प्रति लीटर
डीजल 4 रुपये प्रति लीटर
कृषि बजट 5.63% बढ़ा, आधा हिस्सा पीएम-किसान योजना को
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए 5.63% अधिक यानी 1,31,531 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है और इसका आधा हिस्सा प्रधानमंत्री-किसान योजना पर खर्च किया जायेगा, जबकि कृषि-आधारभूत ढांचा कोष एवं सिंचाई कार्यक्रमों के लिए धनराशि की उपलब्धता में मामूली वृद्धि की गयी है.
प्रमुख केंद्रीय योजनाओं में, पीएम-किसान के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा आवंटन किया गया है, जिसके तहत सरकार पंजीकृत किसानों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये प्रदान करती है. प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संवर्धन योजना (पीएम-आशा) के लिए आवंटन को अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये किया गया है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाइ) ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ के लिए आवंटन को वर्ष 2020-21 के लिए 2,563 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 4,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है.