ब्रिटिश संसद की सदस्यता से बोरिस जॉनसन का इस्तीफा बोले- मजबूर किया जा रहा है
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से संसद की सदस्यता छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने अपने इस फैसले से सभी को चौंका दिया है. बोरिस जॉनसन ने पार्टीगेट मामले पर संसदीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. जॉनसन एक संसदीय जांच के तहत जांच के घेरे में थे. दरअसल, हाल ही में एक संसदीय समिति ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में पार्टियों का आयोजन किया जा रहा था. जो कि साफतौर पर लॉकडाउन का उल्लघंन था. लेकिन जॉनसन ने इस मामले में संसद को गुमराह किया था, वह हाउस आफ कामंस (संसद) को कहते रहे कि लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. इस मामले में उन्हें दंड दिया जाएगा.
जॉनसन को समिति से एक गोपनीय पत्र प्राप्त होने के बाद, उन्होंने सांसदों पर ‘कंगारू कोर्ट’ की तरह काम करने और अपने राजनीतिक करियर को समाप्त करने का आरोप लगाया. समिति पर आरोप लगाते हुए जॉनसन ने एक बयान में कहा ‘मुझे मुट्ठी भर लोगों द्वारा मजबूर किया जा रहा है, उनके दावे का कोई सबूत नहीं है.’ हालंकि जॉनसन ने संकेत दिया कि वह राजनीति में लौट सकते हैं, यह घोषणा करते हुए कि वह ‘अभी के लिए’ संसद छोड़ रहे हैं.लेकिन इस्तीफा देने का फैसला उनके 22 साल के राजनीतिक करियर का अंत हो सकता है,
जहां वह संसद से लंदन के मेयर तक पहुंचे और फिर एक प्रोफाइल बनाई जिसने ब्रेक्सिट के पक्ष में 2016 के यूरोपीय संघ के जनमत संग्रह के संतुलन को तोड़ दिया. बता दें कि कि बोरिस जॉनसन ने साल 2022 में प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया था, लेकिन उन्होंने सांसद के तौर पर सेवाएं जारी रखी थीं. उन्होंने आगे कहा ‘मैं यह सोचने वाला अकेला नहीं हूं कि ब्रेक्सिट का बदला लेने और अंततः 2016 के जनमत संग्रह के परिणाम को उलटने के लिए एक विच हंट चल रहा है. मेरा निष्कासन आवश्यक पहला कदम है, और मुझे विश्वास है कि इसे लाने के लिए एक ठोस प्रयास किया गया है.’