बंगाल के बाद भाजपा की कलह ने झारखंड की राजधानी के रास्ते जमशेदपुर में दस्तक दी
देवानंद सिंह
बंगाल के बाद भाजपा की कलह ने झारखंड की राजधानी के रास्ते जमशेदपुर में दस्तक दी है झारखंड प्रदेश स्तर के नेताओं में आपसी तालमेल का अभाव दिख रहा है तो लौह नगरी जमशेदपुर में भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव की तानाशाही रवैये और वरिष्ठ भाजपाइयों को सम्मान ना देना महानगर भाजपा के लिए घातक सिद्ध हो रहा हैं। झारखंड भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है 2019 के विधानसभा चुनाव में पराजय से भाजपा ने सीख नहीं ली है झारखंड में तीन उपचुनाव हुए भाजपा एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी संगठन के पदाधिकारी और सांसद विधायक आपस में आरोप प्रत्यारोप करने में ही लगे रहे संगठन से जुड़े वरिष्ठ भाजपाइयों ने यह कहना शुरू कर दिया हैं कि अटल बिहारी वाजपेई का पुतला जलाने वाले झारखंड भाजपा में सर्वोच्च पद पर विराजमान हैं। भाजपा के झंडा जलाने वाले आज झारखंड भाजपा के मालिक हैं। ब्रह्मर्षियों (भूमिहार) के बदौलत स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र ने अविभाजित बिहार में भाजपा की दमदार नीव रखी थी. झारखंड भाजपा उन ब्रह्मर्षियों को भी संगठन से दूर रखने का फैसला कर चुकी है।प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया विभाग में तू-तू मैं-मैं की खबर पुरानी हो चुकी है.आलाकमान को इनकी भनक तक नहीं। विगत कुछ दिनों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रहार का प्रदेश अध्यक्ष खुद काउंटर करते नजर आ रहा हैं। विधायक सांसद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभी साइलेंट मोड में जा रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास में अलग-अलग आंतरिक प्रतिष्पर्धा है। इनके अलग-अलग न्यूज वाट्सअप ग्रुप चलते रहे।
प्रदेश भाजपा में उथल-पुथल आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा है कि जमशेदपुर महानगर में संगठन के भीतर तूफान आ गया है पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खासम-खास भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव के तानाशाही रवैए से परेशान जमशेदपुर के 8 मंडलों अध्यक्षों ने विद्रोह बिगुल फूंक दिया है। कई मोर्चा जिला अध्यक्ष यह कहना शुरू कर दिया है कि जिला अध्यक्ष के आदेश अनुसार ही पदाधिकारियों की सूची तैयार होती है और घोषणा की जाती है। हम तो रबड़ स्टांप हो गए हैं
पिछले कई हफ्तों से जमशेदपुर महानगर भाजपा में चल रही शीत युद्ध अचानक भाजयुमो कमेटी की घोषणा के उपरांत सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर आक्रोश बयां करता नजर आ रहा है पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के पूर्व विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल पूर्व जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्रा वर्तमान जिला कमेटी के महामंत्री राकेश सिंह कमलेश सिंह अनिल मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट को देखने से भाजपा में चल रहे उफान स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा भाजयुमो के कमेटी की घोषणा में जेबीएम 11, 12 लोगों को पदाधिकारी बनाए गए हैं उनकी सहमति के बिना जो मंडल जो तूफान का कारण बना है चुनाव के दौरान कुछ नेताओं ने स्थानीय विधायक के लिए काम किया था उन्हें भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव ने युवा मोर्चा में पदाधिकारी बनाया युवा मोर्चा में ऐसे भी नाम शामिल किए गए हैं जिन्होंने गृह मंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जमकर वार किया। सूत्रों की माने तो सियासी तूफान में फंसे भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव, मंडल अध्यक्षों ने खोला मोर्चा फंस गए जिला अध्यक्ष!जिला अध्यक्ष गुंजन यादव को प्रदेश कार्यालय ने किया तलब
प्रदेश भाजपा और जिला भाजपा के भीतर का आक्रोश बड़ा आकार ले लें इससे पहले ही आलाकमान को इसे नियंत्रित करने की जरूरत है अन्यथा जो डैमेज भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन यादव ने जमशेदपुर भाजपा के लिए कर दिया है उसे डैमेज कंट्रोल करना पार्टी के लिए मुश्किल होगा
सबसे बड़ा सवाल है कि भाजपा सिर्फ फेसबुक व्हाट्सएप ट्विटर इंस्टाग्राम की पार्टी बनकर रह गई है? यहां तक की सेवा सप्ताह में भी दो 2 किलो चावल बांटकर वह वैसे लोगों की तस्वीर अखबारों में छपबाई जिसकी वजह से कई लोग अपने परिवार में भी अपमानित हुए जिसका समाज में काफी गहरा प्रतिक्रिया देखा गया आज प्रदेश कमेटी में भी चाहे भाजपा की कमेटी हो या भाजपा युवा मोर्चा की कमेटी हो उसके 75% पदाधिकारी निष्क्रिय हैं और वह पूरी तरह किसी न किसी दरबार में हाजिरी लगाने वाले हैं उनको नेता को खुश करना ज्यादा जरूरी है बशर्ते की पार्टी को ऐसे में झारखंड में भाजपा क्या किसी बड़ी चुनौती का सामना कर सकेगी ?भाजपा अपने चाल चरित्र और चेहरे की बदौलत जानी जाती है अगर इसमें बदलाव नहीं आया तो आने वाला समय भाजपा के लिए और कठिन होगा