मोदी सरकार में अल्पसंख्यक सुरक्षित, विकास में भेदभाव नहीं : गुरुदेव सिंह राजा
● “हम लोग यदि आपस मे लड़ना भूल जाते हैं, तो सियासी शूरमाओं का पसीना छूट जाता है” : दिनेश
मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में अल्पसंख्यक सामुदाय अत्यधिक सुरक्षित महसूस कर रही है। वंचितों और कमज़ोर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने को सरकार ने तेज़ प्रयास किये हैं। उक्त बातें भाजपा नेता गुरुदेव सिंह राजा ने कही। श्री राजा गोलमुरी में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। आफ़ताब अहमद सिद्दकी की अध्यक्षता में आयोजित उक्त बैठक में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सभी मंडलाध्यक्ष और जिला पदाधिकारी सम्मिलित हुए जिसमें एनडीए प्रत्याशी विद्युत वरण महतो के पक्ष में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में पार्टी ने प्रचार और बूथ प्रबन्धन की रणनीति तय की। बैठक में मुख्यरूप से भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार भी उपस्थित थे। दिनेश कुमार ने कहा कि भाजपा सरकारों ने अल्पसंख्यक सामुदाय और विशेषकर मुस्लिम समाज को कभी ख़ुद से अलग नहीं माना। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा ही मज़हबी राजनीति को हवा देकर दूरियां और तनाव बढ़ाने की नापाक कोशिशें की है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार और प्रदेश की रघुवर सरकार ने जाती और मज़हब के नाम पर विकास में कभी भेदभाव नहीं किया। कहा कि हाल के दिनों में मुस्लिम समाज का भारतीय जनता पार्टी के प्रति नजदीकियां बढ़ी है। भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में शायरी का इस्तेमाल करते हुए खूब वाहवाही बटोरी। उन्होंने कहा, “जब हाथों से उम्मीदों का दामन छूट जाता है, पलभर में ही ख्वाबों का शीशा टूट जाता है। हमलोग अगर आपस में लड़ना भूल जाते हैं, तो सियासी शूरमाओं का भी पसीना छूट जाता है”। अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष आफ़ताब अहमद सिद्दकी ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग ख़ुद को भाजपा सरकार में विकास के नज़दीक और हिंसा से दूर महसूस कर रही है। बैठक को भाजयुमो जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह राजा समेत पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष अब्दुल मज़ीद ने भी संबोधित किया। बैठक में विशेष रूप से मोहम्मद इक़बाल, मोहम्मद मेराज, मो वाहिद बबला, मोहम्मद फय्याज, मो एहसान, मो मुन्ना आज़ाद, आज़दनगर मंडल अध्यक्ष मोहम्मद निसार, महिला मोर्चा की फ़तिमा शाहीन, मो जावेद, मोहम्मद परवेज, औरंगजेब खान, उस्मान बेग, मो फिरोज, तनवीर अहसान, गोलमुरी मंडल अध्यक्ष प्रोबिर चटर्जी, नसीम दिलशाद, उमर खालिद, शाहबाज नदीम, ज़फर अहमद, मो सहजाद, हाजी ज़फर समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे।