भारत आदिवासी पार्टी द्वारा उपायुक्त कार्यालय समक्ष तीन सूत्री मांगों को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन
झारखण्ड सरकार विगत छह महीने से माननीय उच्च न्यायालय झारखण्ड की आदेशों का अवमानना कर आदिवासियों का सामाजिक, आर्थिक, न्यायिक, वित्तीय अधिकारों से वंचित करने का काम कर रहे है। जिससे हमें जल, जंगल और जमीन, की अधिकारों से छलने का काम कर रहे हैं।
पूर्वी सिंहभूम जिला पूरी तरह से पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आते है यहीं पर टाटा कंपनी का उद्योग स्थापित है। यह उद्योग आदिवासियों की जमीन पर अवस्थित है। 117 साल होने के बाद भी आदिवासियों को किसी रोजगार से जोड़ने का काम नहीं कर रहे हैं। लगभग 60 आदिवासी अप्रेंटिस छात्रों को अभी तक स्थाई रूप से नियोजित नहीं किया गया है।
जो कि आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा धोखा देने का काम किया है। डिमना बांध विस्थापितों को भी अभी तक न मुआवजा दिया गया न ही नियोजन किया।
टाटा कंपनी की लीज नवीनकरण पर विस्तार न दिया जाए। क्योंकि लीज नवीनकरण विस्तार देने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश समता जजमेंट 1997 का उल्लंघन होगा।
जब तक लीज नवीनकरण कमिटी में स्थानीय विस्थापितों को शामिल नहीं किया जाता तब तक लीज नवीनकरण विस्तार न दिया जाए।
इस धरना कार्यक्रम में पार्टी के जिला अध्यक्ष मदन मोहन सोरेन, प्रदेश युवा अध्यक्ष कार्तिक मुखी, निरंजन तिडु, अमृत तिडु, ज्ञान सिंह बंदिया, बिलचु लकड़ा, दीपक लकड़ा, दुर्गी मार्डी, भोगन हेम्ब्रम अप्रेंटिस किया हुआ अंता टुडू एवं उनके साथ आए 60 छात्र भी उपस्थित हुए थे।