अनुष्का शर्मा ने इन दिनों भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी की बायोपिक ‘चकदा एक्सप्रेस’ की तैयारी में लगी हुई हैं. हाल ही में वह हार्पर बाजार के कवर पेज पर दिखाई दीं और इस मैगजीन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने आंतरिक शांति पाने के लिए वर्क-लाइफ में संतुलन बनाने के महत्व के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि एक दूसरे से आगे बढ़ने के लिए अंधाधुंध दौड़ में शामिल नहीं हैं. उन्होंने खुलासा किया कि वह एक ऐसे कमरे में रहना पसंद करती हैं जो क्रिएटिव लोगों से भरा हो. अनुष्का ने वर्कफोर्स में महिलाओं के फ्यूचर के बारे में भी बात की.
अनुष्का शर्मा ने मैगजीन के कवर पेज को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, “मेरी इंडस्ट्री ‘रन, रन, रन’ के बारे में है – यह एक चूहे की दौड़ है, और आपको बस इसका हिस्सा बनना है. लेकिन मैं चूहे की दौड़ में चूहे से कहीं ज्यादा हूं. मैं अपने जीवन को एन्जॉय करना चाहती हूं. मुझे फिल्मों में एक्टिंग करने में मजा आता है.”
अनुष्का शर्मा ने आगे लिखा, “मुझे क्रिएटिव लोगों से भरे कमरे में रहने, आइडिया पर चर्चा करने, एक सीन करने के तरीकों के साथ आने और यह सोचने में मज़ा आता है कि ऑडियंस इस पर कैसे प्रतिक्रिया देगी. यह सब बहुत सुखद है; मैं कभी हार नहीं मानना चाहती.” महिलाओं के लिए वर्क-लाइफ में संतुलन बनाना कठिन होता है? इस पर अनुष्का का मानना है कि लोग एक कामकाजी मां के जीवन और भावनाओं को नहीं समझते हैं.