Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » रंभा कॉलेज में युवा का एनुअल रिथिंक सुरक्षा के नाम पर विकलांगों और महिलाओं पर बंदिश गलत
    Breaking News Headlines जमशेदपुर झारखंड शिक्षा

    रंभा कॉलेज में युवा का एनुअल रिथिंक सुरक्षा के नाम पर विकलांगों और महिलाओं पर बंदिश गलत

    Devanand SinghBy Devanand SinghDecember 14, 2022No Comments6 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

     

     

    रंभा कॉलेज में युवा का एनुअल रिथिंक सुरक्षा के नाम पर विकलांगों और महिलाओं पर बंदिश गलत

     

    जमशेदपुर 14 दिसंबर।
    रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन गीतिलता में सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन( युवा ),क्रिया एवं विमेन गेनिंग कंसोर्टियम की ओर से एनुअल रिथिंक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन पौधों में पानी डालकर रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन रामबचन ,युवा के संस्थापक अरविंद तिवारी ,कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ कल्याणी कबीर एवं युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने किया।

     

    इस कार्यक्रम में आदर्श सेवा संस्थान, नेहरू युवा केन्द्र, बाहा फाउंडेशन, ग्राम प्रधान, पंचायत समिति सदस्य,वार्ड सदस्य, विकलांग महिलाएं और किशोरियां, रंभा कॉलेज के विद्यार्थी आदि शामिल हुए। युवा की सचिव वणार्ली चक्रवर्ती ने री-थिंक कार्यक्रम के उद्देश्य को बताया कि री-थिंक का मतलब पुनर्विचार करना फिर से सोचना। हमलोग जिस विषय पर काम कर रहे है महिलाओं और लड़कियों के नेतृत्व ,अधिकार और विकलांग महिलाओं के अधिकार पर और उनका स्थायित्व, पहचान समाज में हो ।लोग उनको और लोगों की तरह पहचान करें ।हमलोग अभी दो विषयों पर कर रहे है

     

    वो है यंग वीमेन लीडरशिप और सभी महिलाओं का राजनीतिक भागीदारी । राजनीतिक भागीदारी का मतलब सबको चुनाव लड़ना है ,नही है ।चुनाव प्रक्रिया में शामिल होना एक भागीदारी तो है लेकिन संविधान में हमें जो भी अधिकार मिले है उसको पालन करने में सही दिशा देना या सहयोगी बनना।

     

    महिलाएं अगर अपने अधिकार के लिए अपनी बातों को पालिसी मेकर तक या संबंधित विभाग तक या फिर संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाता है वो भी राजनीतिक भागीदारी मानते है जरूरी नहीं है कि सभी लोग चुनाव लड़े , सभी लोग चुनाव जीते। हालांकि पावर बहुत बड़ी चीज है सत्ता आनी चाहिए लेकिन सत्ता आने से ही आप काम करेंगे या आपको अधिकार मिलेगा ऐसा नहीं है। हर क्षेत्र में सहयोग देकर आप भागीदारी निभा सकते है। हमलोग हमेशा दूसरों से निर्भरता की बात करते है कि हमें कुछ नहीं मिला

     

    लेकिन हम पहल कहाँ कहाँ करते है। पहल करने के लिए अपने अंदर जागरूकता लानी होगी ।खुद को उस स्तर पर तैयार करना होगा और नेतृत्व देना है जब आप नेतृत्व नहीं कीजियेगा तब तक आपको निर्णायक की भूमिका नहीं मिलेगी। चाहे वह पुरुष हो या महिला। जब आप पहल कीजियेगा तभी आपको कहीं न कहीं निर्णायक की भूमिका में स्वीकार करेंगे। यह दो थिमैटिक क्षेत्र है जिसमें हमलोग काम कर रहे है। पोटका के 15 पंचायत में हमलोग सघन रूप से काम कर रहे है काम करते हुए हमलोग के सामने जो मुद्दा सामने आये है उसमें विकलांग महिलओं के मुददें सामने आए है

     

    विकलांग महिलाओं और किशोरियों को समाज से हमेशा काट कर रखा जाता है। सामाजिक सोच के कारण उनको घर के अंदर बंद करके रखा जाता है, किसी भी सामाजिक अनुष्ठान में उनको नहीं ले जाया जाता है ना ही समाज में उनकी कोई पहचान है। हमलोग इतने लोगों से मिले है विकलांग किशोरियों और महिलाओं से बात किये तो पता चला कि हमलोग ऐसे है जिनके साथ ये खुलकर बात कर पायी है। हिंसा तो इनके साथ बहुत है

     

    समाज में महिलाओं का दर्जा ऐसे भी कम है लेकिन विकलांग महिलाओं का दर्जा और भी कम है, समाज में इन्हें कोई पहचानता नही।इनको भी उतना ही अधिकार और आजादी मिलनी चाहिए जितना बाकियों को मिलता है। जब हमलोग उनसे मिलने जा रहे है तो पता चला कि उन्हें बिंदी लगाने का ठेले पर गोलगप्पा खाने का बहुत शौक है कपड़ा पहनने का शौक है,लेकिन उन्हें हमेशा सबसे आखिरी में दिया जाता है। ये सब बहुत छोटी-छोटी चीज है हमलोग अनदेखा कर देते है ।हिंसा हमेशा मारपीट करना नहीं होता, हिंसा यह भी होता है जहाँ पर समानता से परे उनको देखा जाता है। समानता जहां उसके साथ नहीं करते है महिलाओं के साथ भी विकलांग महिलाओं के साथ भी चाहे वो स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो या शिक्षा के क्षेत्र में हो या चाहे आजीविका के क्षेत्र में हो चाहे इसके पसंद ना पसंद के क्षेत्र में हो । इस कार्यक्रम का यह उद्देश्य है इतनी सारी सामाजिक योजनाएं बनी है फिर भी क्यों वो साथी जो पीछे है उस तक सारी चीजें क्यों नहीं पहुंच रही है तो यह सोचने की जरुरत है बार-बार सोचने की जरूरत है। आज इस कॉलेज में यह कार्यक्रम का मकसद है कि आपलोग आने वाले समय के पालिसी मेकर है, आने वाले समय के दिशा बदलने वाले है। वर्कशॉप या सेमिनार इसलिए होता है कि एक इनफार्मेशन कलेक्ट किया जा सकता है

     

    नया काम करने के लिए उत्साह वर्धक बनाने के लिए आपको आगे आने के लिए एक संगठन के रूप में लोग मिल सकते है ।दूसरा यह है कि अगर आप कुछ सोच रहे है करने का तो यहाँ से एक रास्ता निकलता है कि हम यह काम कर सकते है। री-थिंक यही है कि सारा चीज को लेकर बदलाव क्यों नही हुआ उसकी जड़ तक पहुंचना। रंभा कॉलेज के चेयरमैन राम वचन सिंह ने कहा कि यह मुहिम बहुत ही सराहनीय है विकलांगों के लिए , महिलाओं के लिए ।

     

    इसमें भागीदारी सभी बच्चों को लेना चाहिए। युवा के संस्थापक अरबिंद तिवारी ने कहा कि रंभा कॉलेज के सभी साथियों को धन्यवाद आज यहाँ समारोह करने के लिए। इस तरह के कार्यक्रम आपको अपने जीवन का दूसरा पक्ष देखने समझने के लिए विस्तार से आपको तैयार करता है।आप जब अच्छे प्रबंधक बने , अच्छे शिक्षक बने तो समाज के हर वर्ग का ख्याल रख सके। सभी के साथ सहानुभूति का नहीं समानुभूति का व्यवहार रखना है। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. कल्याणी कबीर ने कहा कि यह बहुत ही सराहनीय काम है विकलांग जनों की खुशी को बरकरार रखने के लिए छोटे-छोटे प्रयास किये गए तो उनके लिए यह गाना – किसी की मुस्कुराहट पर जान निसार, जीना इसी का तो नाम है। हम सभी आपके साथ है। झारखंड विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण सिंह ने विकलांगता अधिकार अधिनियम पर सत्र लिया, जिसमें उन्होंने निशक्त व्यक्ति के प्रति होने वाली हिंसा के बारे में जानकारी दी एवं उनके क्या अधिकार है इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक विकलांग व्यक्ति को भी सामान्य व्यक्ति की तरह गरिमा पूर्ण समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है। विकलांग व्यक्तियों की पहुंच उच्च शिक्षा तक नहीं हो पाती है क्योंकि बुनियादी ढाँचा उनके पहुंच के अनुकूल नहीं होती है उन्होंने के कहा कि इस विषय पर हमें पुनर्विचार करने की जरूरत है और कानूनी पैरवी तक अपनी बातों को ले जाने की जरूरत है।

     

    साथी खेल के माध्यम से आंखों में पट्टी बांधकर उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि किस तरह से विकलांग साथी हमारे बीच में कितनी चुनौतियों के साथ रहकर अपने जीवन को व्यतीत करते हैं और किस तरह से अपनी पहुंच को वहां तक नहीं बना पाते हैं । इसमें रंभा कॉलेज के छात्रों ने भागीदारी लिया और अपने अनुभव को साझा किया । घरेलु हिंसा पर मूवी दिखाई गई। पूरे कार्यक्रम का संचालन विमेन गेनिंग ग्राउंड की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सुश्री अंजना देवगम के द्वारा किया गया ।

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleझारखंड मंत्रालय में 14 दिसंबर 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
    Next Article विधायक समीर कुमार मोहंती  ने अटल मोहल्ला क्लीनिक का फीता कांट कर किया उद्घाटन

    Related Posts

    राष्ट्रीय लोक अदालत आर्थिक रूप से कमजोर लोंगो को न्याय दिलाने में कारगर : प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश

    May 10, 2025

    जिला कांग्रेस ने जय हिंद यात्रा निकाल कर सेना के सौर्य को सलाम किया – बन्ना गुप्ता /आनन्द बिहारी दुबे

    May 10, 2025

    मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों एवं परिदृश्य के मद्देनजर राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की

    May 10, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    राष्ट्रीय लोक अदालत आर्थिक रूप से कमजोर लोंगो को न्याय दिलाने में कारगर : प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश

    जिला कांग्रेस ने जय हिंद यात्रा निकाल कर सेना के सौर्य को सलाम किया – बन्ना गुप्ता /आनन्द बिहारी दुबे

    मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों एवं परिदृश्य के मद्देनजर राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की

    मीडिया प्रभारी बनी शशि आचार्य रिंकू सिंह संगठन सचिव

    तीन दिन में ही घुटनों पर आया पाकिस्तान

    जामताड़ा साइबर अपराधियों के विरुद्ध लगातार चल रही पुलिस की कारवाई में एक बडी सफलता मिली है

    प्रयास कार्यक्रम के तहत अभिभावकों तथा ग्रामीणों के साथ शिक्षकों ने की संवाद, नियमित विद्यालय भेजने के लिए किया प्रेरित

    उपायुक्त की अध्यक्षता में चौकीदार नियुक्ति समिति की आहूत बैठक संपन्न

    व्यवहार न्यायालय, जामताड़ा परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन, विभिन्न वादों का हुआ निपटारा

    चौकीदार नियुक्ति हेतु शारीरिक जांच परीक्षा को लेकर आज उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक ने आउटडोर स्टेडियम का किया निरीक्षण

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.