दिल्ली से मेरठ के बाद अब दिल्ली से अलवर के बीच चलेगी रैपिड रेल
दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल का संचालन शुरू हो चुका है। इस रूट पर पहले फेस के लिए रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवाना कर चुके हैं। इसी तर्ज पर अब दिल्ली अलवर और दिल्ली पानीपत के बीच भी रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में 1 साल का समय लगेगा। जानकारी के मुताबिक अलवर रूट पर यह कम तीन चरणों में किया जाएगा। दिल्ली से अलवर के बीच का ट्रैक 164 किलोमीटर का होगा जिस पर कुल 22 स्टेशन होंगे। इस पूरे कॉरिडोर को बनाने के लिए 37 हजार करोड रुपए का खर्चा आएगा। संभावना है कि वर्ष 2028 तक यह ट्रैक बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
हरियाणा और राजस्थान सरकार से मिली मंजूरी
हरियाणा और राजस्थान दोनों सरकारों ने पहले ही अपने अधिकार क्षेत्र में विस्तार के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. जब तक दिल्ली सरकार एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं करती, तब तक कोई नई रैपिड रेल परियोजना शुरू नहीं हो जाएगी. दिल्ली सरकार द्वारा प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंत्रालय दिल्ली-पानीपत (103 किमी) और दिल्ली-अलवर (164 किमी) परियोजनाओं को सार्वजनिक निवेश बोर्ड और कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए जाएगा.
तीन चरणों में होगा काम
दिल्ली-अलवर रुट तीन चरणों में पूरा होगा. पहले चरण में दिल्ली से गुरुग्राम, दूसरे चरण में गुरुग्राम से बहरोड़ नीमराना और तीसरे चरण में बहरोड़ नीमराना से अलवर तक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. पहले फेस 106 किलोमीटर लंबा होगा. दूसरा फेस 35 किलोमीटर लंबा होगा और तीसरा फेस 58 किलोमीटर लंबा होगा. इस ट्रैक पर कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे. पहले फेस में 83 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में होगा. 22 किलोमीटर दिल्ली व राजस्थान में 2 किलोमीटर का ट्रेन बनेगा. इस कॉरिडोर में 70.5 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा. उसके बाद 36 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत होगा.
106 किलोमीटर लंबे रूट पर 16 स्टेशन बनेंगे
106 किलोमीटर लंबे रूट पर 16 स्टेशन होंगे. सराय काले खान, जोरबाग, मुनिरका, एक्सपोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खिड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी, खैरथल, अलवर स्टेशन होगा. इस रूट पर मेट्रो के साथ 8 एक्सचेंज स्टेशन बनाए जाएंगे. दिल्ली से बहरोड़ तक का सफर महज 70 मिनट में पूरा होगा. दिल्ली जयपुर हाईवे के किनारे एक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. प्रोजेक्ट में करीब 37 हजार 987 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसमें 20 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार तथा 20 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार देगी. 60 प्रतिशत का हिस्सा विभिन्न वित्तीय मदद से उपलब्ध कराया जाएगा.