झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाहीअनिश्चित काल के लिए स्थगित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर तीखे हमले किए
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सरकार पर जमकर बरसे कहा राज्य का विकास नहीं परिवार का विकास हो रहा है
19 दिसंबर को विपक्ष के हंगामे साथ शुरू हुई झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही 23 दिसंबर को सौहार्दपूर्ण माहौल में अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई. सेकंड सेशन में कुल 37 गैर सरकारी संकल्पों पर सवाल-जवाब के बीच भाजपा विधायक अनंत ओझा के अभिस्ताव को वोटिंग करा कर अस्वीकृत कर दिया है.
झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में विपक्ष पर तीखे हमले किए. करीब 40 मिनट तक के अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने कोरोना के संभावित खतरे को लेकर की. उन्होंने कहा कि इस वायरस की वजह से आने वाली चुनौतियों पर केंद्र की नजर है. इस मामले में केंद्र के दिशा निर्देशों का पालन होगा. इसके बाद उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाने साधा और कहा कि हमारे विपक्ष के पास न तो नेता है, न मुद्दा और न दिशा. उससे कैसे सहयोग की उम्मीद करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबूलाल जी को मुखौटा बना दिया है. उनकी जुबान से राज्य को प्रवचन सुनाए जा रहे हैं. एक आदिवासी को खड़ा कर राजनीति कर रहे हैं. लेकिन अब इनकी चिकनी चुपड़ी बातों को यहां की जनता समझ चुकी है.
जबकी झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र में मास्क लगाकर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सरकार पर जमकर बरसे कहा राज्य का विकास नहीं परिवार का विकास हो रहा है
भाजपा विधायक अनंत ओझा ने सवाल उठाया था कि संथाल परगना के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका और जामताड़ा जिला में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी बदल रही है. इसलिए संथाल में एनआरसी कराने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए. जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गोड्डा को छोड़कर संथाल के सभी जिले पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं. संथाल का कोई भी जिला बांग्लादेश की सीमा से नहीं लगता है.
कांग्रेस की दीपिका पांडे और प्रदीप यादव ने भी इसपर सवाल खड़े किए और कहा कि भाजपा के लोग तनाव पैदा करने वाले सवाल उठाते हैं. हालांकि प्रभारी मंत्री ने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए साहिबगंज में एक टीम भी है. उन्होंने कहा कि अगर कोई बांग्लादेशी घुसपैठ है तो उसकी जानकारी दी जाए. इस मसले पर सदन में काफी हो हल्ला हुआ. जब अनंत ओझा ने अभिस्ताव वापस नहीं लिया तो स्पीकर ने वोटिंग करवाकर उसे अस्वीकृत कराया.