के० गुरूनाथ राव ने कमिटी के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया हुआ था जिसके कारण उनको बरखास्त करना पडा:ए डी एल सोसाइटी
ए डी एल सोसाइटी, हिंदी माध्यम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहां है कि तेलुगु समाज के मर्यादा एवं गरिमा के प्रतिक ए०डी० एल० सोसायटी हम सभी के लिए गौरवपूर्ण संस्था है पिछले तीन महीने पहले यहां चुनाव हुआ था. जिसमे वाई० ईशवर राव के नेतृत्व मे टीम के 16 सदस्यों ने जीत दर्ज की थी महासचिव के पद पर विपक्ष से के० गुरूनाथ राव ने जीत दर्ज किया था परंतु जीतने के बाद से हि उनका रवैया कमिटी के प्रति नकारात्मक हो रहा. जिसके कारण उनको बरखास्त करना पडा . दिन प्रतीदिन उनके द्वारा तानाशाही की शिकायते आने लगी थी एसे मे संस्था का विकास करना मुश्किल हो गया .
उनका व्यवहार किसी के प्रती ठीक नहीं था और न हि सोसाइटी के नियमो का पलन कर रहे थे , विवश हो कर हमे यह कदम उठाना पडा.
ए डी एल सोसाइटी के महासचिव द्वारा आए दिनो स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विगत भर्ती के संबंध में उनके द्वारा किए जा रहे अनर्गल प्रलापों पर स्कूल के पूर्व सचिव वाई नागेश्वर राव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि जिस भर्ती पर महासचिव प्रश्न उठा रहें हैं, उस भर्ती की पूरी प्रक्रिया न केवल पारदर्शी तरीके से संपन्न की गई हैं वरन प्रक्रिया की सारी चरणों का विधि सम्मत निर्वहन भी हुआ हैं। उन्होंने कहा कि महासचिव झूठ की खेती करते हैं।
महासचिव निर्वाचित होने के बाद समाज के विकास के लिए ठोस रोडमैप बनाने व उसके लिए सकारात्मक पहल करने के बजाए वो अपनी ऊर्जा मिथ्या का बाजार बनाने और भ्रम का वातावरण तैयार करने में जाया कर रहें हैं। जिसे
समाज के लोग बेहतर समझ पा रहें हैं।
उन्होंने कहा कि आए दिनों अखबार में महासचिव द्वारा अलर बलर बयान देना, ए डी एल सोसाइटी के गौरवशाली अतीत पर कुठाराघात करना हैं। उनके मर्यादा हीन व्यवहार के कारण समाज की प्रतिष्ठा तार तार हुई हैं, और उनके द्वारा इन्हीं सारी तथ्यहीन व भ्रामक प्रचार पर समाज के सभी सदस्यों को स्पष्ट करने और आप सबों के सामने सच्चाई सामने लाने के उद्देश्य से ये प्रतिक्रिया मैं आप सबों के साथ साझा कर रहा हूं।
वाई नागेश्वर राव
पूर्व स्कूल सचिव
ए डी एल सोसाइटी, हिंदी माध्यम
1. कार्यकारणी की बैठक मे हमेशा अपशब्दों का प्रयोग करना .किसी भी सदस्य का सम्मान नही करना.
2. बिना किसी कारण के पूरी कमीटी के उपर झूठे आरोप लगा कर माननीय पुलिस अधिक्षक (SSP) के पास लिखित शिकायत करना ,जिसके लिए हमने जांच करवाने की मांग लिखित रूप से SSP को दिये हैं निराधार आरोप लगाना भी एक अपराध है!
3. हमने महासचिव के द्वारा किए जा रहे ए०जी०एम का विरोध इस लिए किया है कि उन्होंने कमीटी के किसी भी सदस्य को इसकी जानकारी नही दी है कि वे ए० जी०एम की घोषणा कर रहे है उन्होंने स्वत: निर्णय लिया है जो संविधान के विरूध है.
4. पिछली कमीटी के पांच वर्षो के कार्यकाल मे एक भी अंकेक्षन( Audit) नही करवाया जिसका लेखा जोखा का कोइ हिसाब किताब वर्तमान कमीटी को नही दिया गया ,जब हम उन सभी चीजों को अंकेक्षक के द्वारा निकाल रहे है तो वर्तमान महासचिव ने उस पर रोक लगाया था ,,उनकी मंशा यही है कि पूर्व महासचिव के क्रिया कलापो पर परदा डाल दिया जाय…??
5. अनर्गल बयानबाजी करते रहते है , सोसाइटी के सुरक्षा कर्मियो के साथ भी अभद्र भाषा मे बात करते है
6. चतुर्थ वर्गीय बहाली पूर्वी कमीटी के द्वारा की गई थी जिस पर महासचिव ने आपती जताई थी और इस बहाली को माननीय उपायुक्त ने सोसाइटी को आदेशित किया था की उन दोनो को बहाल किया जाय अब हमारा इस बहाली को रोकने का कोई अधिकार नही है परंतु महासचिव हम सभी पर जबरन दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है कि इस बहाली को रद्ध कर दे. यह संभव नही है
और भी क इ तरह के असंवैधानिक काम महासचिव के द्बारा करने की कोशिश की जा रही थी जिसकी वजह से नियम के अनुसार उनको बरखास्त किया गया है और उनको सोसाइटी के प्रांगन मे आना वर्जित कर दिया गया