और अब विधायक सरयू राय के खिलाफ एसीबी ने पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी, आहार पत्रिका के प्रकाशन व वितरण में अनियमितता का आरोप
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के खिलाफ एसीबी ने पीई दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांगी है इस संबंध में एसीबी ने मंत्रिमंडल सचिवालय व निगरानी विभाग को पत्र लिखा है युगांतर भारती और आहार पत्रिका के साथ-साथ वॉइस मैसेज का कार्य में अनियमितता बरतने का भी आरोप है
ज्ञात हो कि खाद्य आपूर्ति मंत्री रहते सरयू राय ने आहार पत्रिका के प्रकाशन तथा आउट बाउंड डायलिंग के नाम जिन्हें टेंडर दिया गया उन पर अब सवाल उठने लगे हैं जांच की मांग भी की गई है पूर्व में प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ-साथ जिला स्तर के नेताओं ने भी इस पर कार्रवाई की मांग की थी
भाजपाइयों ने राज्यपाल को दिए आवेदन में आरोप लगाया था कि इस मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की गई है।
एसीबी द्वारा निगरानी से जांच की अनुमति मांगने संबंधी निर्णय का सोशल मीडिया पर स्वागत की भी बात हो रही है
ज्ञात हो कि जी कुमार नाम के व्यक्ति ने एसीबी में मामला दर्ज कराया था इस एसीबी के एसपी ने मामले की जांच डीएसपी अरविंद कुमार सिंह को दी थी जांच के बाद डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पीई जांच की अनुशंसा की है
दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर विधायक सरयू राय ने कहा है कि मेरे मंत्री तो काल में सभी काम नियमानुसार हुए हैं
आरोप:शून्य अनुभव रखनेवाले को पूरे झारखंड में पत्रिका वितरण का काम दिया गया। पत्रिका प्रकाशन और वितरण पर एक तरफ डीलर कह रहे थे कि उन्हें पत्रिका नहीं मिल रही है दूसरी तरफ प्रिंटर्स को नियमित भुगतान किया जा रहा था
एक अन्य मामले में मंत्री रहते सरयू राय ने 2016 में बाबा कंप्यूटर्स, रांची को काम दिया था। कंपनी का काम था खाद्य आपूर्ति विभाग की उपलब्धियों को टेलीफोन संदेश के माध्यम से लाभूकों तक पहुंचाना। प्रति कॉल कंपनी 81 पैसे चार्ज करती थी, जबकि यही काम सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मात्र 10 पैसे में करवाता था
जबकि विरोधियों का आरोप है कि मंत्री पद पर रहते सरयू राय ने अपने विभागीय पत्रिका आहार के प्रकाशन के लिए मनोनयन के आधार पर झारखंड प्रिंटर्स का चयन करवाया। झारखंड सरकार की वित्तीय एवं कार्यपालिका नियमावली कहती हैं कि 15 लाख से अधिक की राशि से होनेवाले कार्य के लिए निविदा जरूरी है।