नई दिल्ली। जिस चीज की आशंका थी, आखिरकार पाकिस्तान में वही हुआ। प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी कुर्सी गंवानी ही पड़ी। या यूं कहे कि पाकिस्तान में तख्ता पलट हो ही गया, लेकिन इस बार न तो प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया न ही उन्हें सेना ने बलपूर्वक सत्ता से बेदखल किया, बल्कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटाया गया। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी प्रधानमंत्री और उसकी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया। दरअसल, शनिवार को देर रात पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के प्रति अविश्वास जाहिर करते हुए नेशनल असेंबली ने मतदान करके उसे हटा दिया। अविश्वास प्रस्ताव पर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शनिवार को आधी रात में मतदान हुआ, इसमें इमरान को हार का सामना करना पड़ा।अविश्वास प्रस्ताव का इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने विरोध किया। मतदान के पीएम इमरान खान संसद के निचले सदन में मौजूद नहीं थे। बताया गया कि इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया था।पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 सदस्यों का समर्थन मिला। यह संख्या प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए जरूरी बहुमत 172 से अधिक रही। बता दें कि पाकिस्तान में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इसी कड़ी में इमरान खान को भी अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ना पड़ा।