झारखंड राज्य के बजट में निश्चित रूप से प्रजा के सुख में ही राजा का सुख निहित दिखाई पड़ रहा है,किंतु राजा और प्रजा के बीच समन्वय और कर्तव्यों का पालन करनेवाले एक महत्वपूर्ण वर्ग के बारे में राजा की चुप्पी खल रही है,
गौरतलब है कि राज्य में चल रही महत्वकांक्षी खाद्ध सुरक्षा योजना ,पेट्रोल सबसीडी योजना, धोती साड़ी लूंगी योजना के साथ अन्य जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने वाले उस जन बितरण बिक्रेताओं के बारे में राजा का मौन रहना अचंभित करता है जिसके लगातार अथक प्रयासों से राज्य के ढाई करोड़ लाभार्थियों तक उनका हक पहूंचाने का लगातार प्रयास जारी रहता है,
राज्य में 25400जन बितरण बिक्रेताओं, उतने ही सहायक और उनके परिजनों के भरण पोषण हेतच सरकार को लगातार स्मारित करने के बावजूद बजट में चर्चा तक नहीं करना इस वर्ग के लिए चिंता का बिषय है,
जबकि, कोरोना काल से अब तक इस वर्ग ने ही राज्य की करोड़ों जनता तक लगातार अनाज मुहैय्या करकर सरकार और जनता के प्रति प्रतिबद्धता और मिले जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर दिखाया, फिर भी बजट सत्र के दौरान इस वर्ग की उपेक्षा से राज्य के बिक्रेता हतप्रभ हैं,
हमें उम्मीद है कि 25 मार्च तक चल रहे सत्र के दौरान सरकार इस वर्ग के लिए भी घोषणा जरूर करेगी,
ओंकार नाथ झा,
प्रदेश अध्यक्ष,
फेयर प्राईश शॉप डीलर्स एसोसिएशन,
झारखंड,
इस संबंध में प्रदेश उपाध्यक्ष जिला अध्यक्ष मोहन प्रसाद भैया एवं मीडिया प्रभारी देव कुमार साव ने भी उम्मीद जताई है की बजट के अंतिम समय तक घोषणा कर सकती है