गोलमुरी पुलिस ने फायरिंग मामले में उदय चौधरी को हथियार के साथ किया गिरफ्तार
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में बुजुर्ग के इलाज़ को लेकर दो पक्षों के बीच मे जमकर बहस
जमशेदपुर के गोलमुरी थाना पुलिस ने बीते 2 फरवरी को केबुल क्लब के समीप फायरिंग की घटना को अंजाम देने में शामिल अपराधकर्मी उदय कुमार चौधरी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने उदय के पास से एक देसी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. वैसे मामले का दूसरा अभियुक्त कुणाल सिंह अभी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है. जानकारी देते हुए सीडीआर डीएसपी अनिमेष गुप्ता ने बताया कि गिरफ्त में आए उदय के खिलाफ टेल्को और गोलमुरी थाने में आधा दर्जन मामले दर्ज हैं. वह पूर्व से ही कई मामलों का आरोपी रहा है उन्होंने बताया कि रंगदारी और दहशत फैलाने के उद्देश्य से उदय कुमार चौधरी ने सहयोगी कुणाल के साथ मिलकर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था, हालांकि उक्त घटना में एक युवक बाल-बाल बच गया था.
युवक ने आत्महत्या का किया प्रयास
जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र के युवक सागर मुखी ने आत्महत्या करने का प्रयास किया. परिजन उसे लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंचे. जहां उसका ईलाज चल रहा है. युवक ने बताया कि घर में पिता के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद बोतल से अपनी सर पर दे मारी और पैरों का नस काट लिया. फिलहाल युवक खतरे से बाहर है. डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दे दी है. वहीं परिजन कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में बुजुर्ग के इलाज़ को लेकर दो पक्षों के बीच मे जमकर बहस देखी गई जहां बुजुर्ग को ठोकर मारने वाले पक्ष ने बुजुर्ग का इलाज करवाने से इनकार किया ।
बताया जाता है बुजुर्ग टेल्को महानंद बस्ती का निवासी है और पूजा करने हेतु आर.डी. टाटा गोलचक्कर के पास जा रहे थे जहां मोटरसाइकल सवार एक व्यक्ति ने उसे ठोकर मार दी , पुलिस के द्वारा बुजुर्ग को इलाज़ के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया , वैसे ठोकर मारने वाले व्यक्ति के बाइक को पुलिस ने जब्त किया, जिसके बाद वह भी एमजीएम अस्पताल पहुँचा , डाक्टरों ने बुजुर्ग बलदेव मिश्रा को इलाज़ के लिए टाटा मुख्य अस्पताल रेफर किया, लेकिन ठोकर मारने वाले व्यक्ति ने इलाज़ के खर्च देने में आना कानी की , जिसपर बुजुर्ग के परिवार वालों के साथ घंटो बहस हुई , जिसके बाद ठोकर मारने वाले व्यक्ति बुजुर्ग के इलाज़ करवाने को लेकर तैयार हुए , और मामला शांत हुआ ।