Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » राजनीति में अब संघर्ष नहीं, सजावट चलती है
    Headlines जमशेदपुर संपादकीय साहित्य

    राजनीति में अब संघर्ष नहीं, सजावट चलती है

    News DeskBy News DeskApril 23, 2025No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

    (पत्रकार सौम्य मिश्रा के एफबी वाल से )

    राजनीति में अब संघर्ष नहीं, सजावट चलती है। और जो चेहरे ‘बोर्ड’ पर फिट नहीं बैठते, उन्हें ‘फ्रेम’ से हटा दिया जाता है।

    अशोक चौधरी—कभी जमशेदपुर के ही नहीं पुरे झारखण्ड के कांग्रेस के सबसे जमीनी और संघर्षशील चेहरों में से एक।
    वह नेता जिसने बिना मीडिया, बिना मंच, बिना मायाजाल—केवल विचार और संगठन की प्रेरणा से काम किया।
    लेकिन आज पार्टी के भीतर उनकी स्थिति ऐसी है जैसे पुराने पोस्टर पर चिपका हुआ एक फटा कोना—जिसे हटाया तो नहीं गया है, लेकिन पढ़ा भी नहीं जाता।

    बैठकों में नाम होता है, स्थान नहीं। निर्णयों में जिक्र होता है, पर भूमिका नहीं।
    आज के संगठन में उनकी सबसे बड़ी योग्यता यह रह गई है कि वे चुप हैं, नाराज नहीं हैं।

    पार्टी जिन कंधों पर खड़ी होती है, अक्सर उन्हें ही सबसे पहले भुला देती है।
    और जब संगठन में “सच्ची निष्ठा” की जगह “संपर्क सूत्र” बैठ जाए, तो पुराने योद्धा केवल दीवारों पर तस्वीर बनकर रह जाते हैं।

    आज जब कांग्रेस संगठनात्मक पुनर्रचना की बात कर रही है, तो यह सवाल भी जरूरी है—
    क्या पुनर्रचना केवल कुर्सियों की अदला-बदली का नाम है, या संघर्षशील चेहरों को सम्मान लौटाने का साहस?

    एक तस्वीर, एक नाम, एक अपमानित चुप्पी…
    पर इतिहास यही कहता है—जिसने पार्टी के लिए अपना समय दिया, वो वक्त आने पर पार्टी से समय मांगता नहीं।

    “जिसने झंडा उठाया था, उसे आज पहचानने वाला कोई नहीं।”

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleट्रैफ़िक पुलिस के मनमानी खिलाफ अभियान का दूसरा दिन सम्पन्न
    Next Article सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला के इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा गूगल ऑनलाईन टेस्ट का आयोजन किया

    Related Posts

    संसद रत्न से तीसरी बार नवाजे जाएंगे सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने जताया हर्ष

    May 18, 2025

    हल्दीपोखर उर्दू बालिका विद्यालय को हाई स्कूल में अपग्रेड करने की मांग

    May 18, 2025

    राष्ट्र संवाद के ख़बर का असर:- आदित्यपुर पुलिस ने नवजात शिशु के शव को कब्र निकाल पोस्टमार्टम के लिए के लिए भेजा

    May 18, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    संसद रत्न से तीसरी बार नवाजे जाएंगे सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने जताया हर्ष

    हल्दीपोखर उर्दू बालिका विद्यालय को हाई स्कूल में अपग्रेड करने की मांग

    राष्ट्र संवाद के ख़बर का असर:- आदित्यपुर पुलिस ने नवजात शिशु के शव को कब्र निकाल पोस्टमार्टम के लिए के लिए भेजा

    सिंदूर यात्रा’ में हजारों महिलाओं ने नारी सम्मान और सैनिकों के पराक्रम का किया जयघोष

    माझी परगना महाल एवं जनप्रतिनिधियों ने नगर निगम विस्तार योजना का किया विरोध

    डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का नाम बदलना एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम : सुनील दे

    एक राष्ट्र एक चुनाव के चाईबासा प्रभारी बनाए गए रवि शंकर तिवारी

    साकची गुरुद्वारा चुनाव: वर्तमान प्रधान निशान सिंह ने 3 वर्षों की उपलब्धियां गिनाकर किया चुनावी प्रचार का आगाज

    डा सुधा नन्द झा ज्यौतिषी जमशेदपुर झारखंड द्वारा प्रस्तुत राशिफल क्या कहते हैं आपके सितारे देखिए अपना राशिफल

    “मालदार दूल्हा ढूंढने वालों, खुद से भी सवाल करो!”

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.