हेमंत सोरेन सरकार के दो वर्ष पूर्ण युवा सोच ने बदली तस्वीर
निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार : बन्ना गुप्ता
देवानंद सिंग
झारखंड की हेमंत सरकार ने आज दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। यह सरकार के लिए भी और राज्य के लिए भी बड़ी उपलब्धि की बात है, क्योंकि कुछ ही समय पूर्व ही राज्य ने भी 20 साल पूरे किए हैं। 20 सालों के दौरान भी और पिछले दो वर्षों के दौरान भी राज्य ने काफी उतार चढ़ाव देखे। राज्य के 20 साल के सफर की बात करें तो राजनीतिक पार्टियों में राज्य को विकास के ट्रैक पर आगे बढ़ाने के बजाय सत्ता तक पहुंचने का लालच अधिक दिखा। लेकिन हेमंत सोरेन के नेतृत्व की सरकार ने इस मिथक को तोड़ने का काम किया है। कोरोना जैसी महामारी के बीच उन्होंने जिस अपने इस कार्यकाल के दौरान काम किया है, वह वाकई लोगों में विश्वास जगाने वाला है। पिछले दो वर्षों के दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी चुनौती देखने को मिली, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के नेतृत्व में राज्य सरकार इससे आसानी से निपटने में सफल रही। ऑमिक्रोन को लेकर भी सरकार ने अपनी पुख्ता तैयारी कर ली है, जो राज्य के लोगों के लिए बड़ी राहत देने वाली बात है। यह युवा राज्य के लिए बहुत अच्छी बात है, क्योंकि एक युवा राज्य को युवा मुख्यमंत्री मिला है। वास्तव में, यह युवा सोच ही है, जिसने राज्य की तस्वीर बदली है। बता दें कि 29 दिसंबर, 2019 को गठित हेमंत सरकार के गठन के कुछ समय बाद ही कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हो गया था, जो सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन दूरदर्शी सोच के कारण इस चुनौती को हेमंत सरकार ने अवसर के रूप में चुना और राज्यवासियों के लिए कई बेहतर कार्य किये। इसके अलावा कई योजनाओं पर भी सरकार का विशेष जोर रहा। सरकार की तरफ से राज्य के किसानों का 50 हजार रुपये तक का लोन माफ भी किया गया। कुल मिलाकर, दो सालों में कोरोना महामारी के बाद जिस तरह हेमंत सोरेन ने स्थितियों को संभाला है, वह अपने आप में दूसरे राज्यों को प्रेरित करने वाला रहा। उन्होंने सरकार का फोकस जिस तरह स्वास्थ्य, शिक्षा, निवेश बढ़ाने और आमजन के विकास पर किया हुआ है, उसने राज्य को एक दिशा देने का काम किया है। क्योंकि किसी भी राज्य के विकास में इन तथ्यों का विशेष रोल होता है। पिछले दो वर्षों के दौरान स्वास्थ्य के मामले में दुनिया ने अग्नि परीक्षा झेली है। कोरोना दुनिया के लिए चुनौती बनकर सामने आया, लेकिन इस दौरान जिस तरह झारखंड सरकार ने काम किया, वह काबिलेतारीफ रहा। इसीलिए, कोरोनाकाल में राज्य में न केवल कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से घटी, बल्कि वैक्सीनेशन के लक्ष्य को भी पूरा करने में राज्य सरकार ने सफलता हासिल की। यह सब संभव हो पाया मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के अथक प्रयासों की वजह से। राज्य में पलायन का मुद्दा भी बड़ा विषय रहा है। युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में निवेश बढ़ाकर रोजगार की असीम संभावनाओं को बढ़ाने की तरफ भी विशेष ध्यान दिया है, जिसकी वजह से पलायन भी कम हुआ है और राज्य सरकार की बेहतर नीतियों के चलते बड़ी-बड़ी कंपनियां भी राज्य में निवेश को लेकर गंभीर दिख रही हैं। सरकार की यही कोशिश भविष्य में भी पलायन रोकने में काफी कारगर साबित होगी।
सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों की बात करें तो इसमें बहुत से कार्य शामिल हैं। आप सबको याद होगा कि पिछले साल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1529.06 करोड़ की लागत से राज्य स्तरीय 59 नई योजनाओं का शिलान्यास किया था, वहीं, 2575.70 करोड़ की राशि से 10 नई योजनाओं की शुरूआत भी की थी। सरकार इन परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है, जैसे ही ये परियोजनाएं पटल पर उतरेंगी, उसका लाभ 24,54,798 लोगों को मिलेगा। इसके अलावा 1710.26 करोड़ की लागत से तैयार 171 पूर्ण योजनाओं का भी सीएम द्वारा उद्घाटन किया था, जिसका लोगों को लाभ मिल रहा है। सीएम ने 962.50 करोड़ की राशि से 5,42,260 लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण किया था, जिसके तहत पीएम आवास योजना के लाभुकों को भी लाभ दिया गया। पिछले साल ही जिलास्तर पर 760 करोड़ की राशि से 4175 नई योजनाओं का शिलान्यास भी किया था, वहीं, 2002.60 करोड़ की राशि से बने 3823 पूर्ण योजनाओं का उद्घाटन भी किया गया और 2303.14 करोड़ की राशि 6,20,694 लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण किया गया था।
वहीं, झारखंड सरकार ने लॉकडाउन में उठाये गये कदमों ने भी नया इतिहास रचा। कोरोनाकाल में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झारखंड सरकार ने जीवन को सुरक्षित रखने तथा उनके जीविकोपार्जन की व्यवस्था करने के लिए जो कदम उठाये, उसने नया कीर्तिमान बनायाञ लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज और ट्रेन ने वापस लाने वाला झारखंड देश का पहला राज्य था। इतना ही नहीं, महिला समूहों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर लाखों गरीबों, जरूरतमंदों और मजदूरों को मुफ्त में भोजन कराया। सरकार ने इनके बीच मुफ्त में राशन का वितरण किया। जगह-जगह पर भोजन की व्यवस्था (दीदी किचेन) की गई। इतना ही नहीं, श्रमिकों को अपने गांव-घर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत 3 महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू करने के साथ करोड़ों मानव दिवस सृजित किये गये। इतना ही नहीं, मनरेगा के तहत मजदूरी दर भी सरकार ने बढ़ाकर 225 रुपये प्रतिदिन कर मनरेगा से जुड़े लोगों को काफी राहत दी।
ये महत्वपूर्ण कार्य रहे शामिल….
सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों में शिक्षा क्षेत्र भी शामिल रहा। अच्छी बात यह रही कि विदेशों में उच्च शिक्षा लिए दी जा रही छात्रवृत्ति के मामले में झारखंड देश का पहला राज्य है, जो अपने विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दे रहा है। इसके अलावा 5000 आदर्श विद्यालय, हर जिले में एक सीबीएसई आधारित विद्यालय संचालित करने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार ने प्रयास तेज किये हैं।
वहीं, राज्य के विकास के पहिए को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार शुरू से ही गंभीर रही है। इस दिशा में सरकार ने संसाधनों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है। यह सरकार की राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है और कर व्यवस्था में बदलाव किए जा रहे हैं ताकि राजस्व में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आम जनता को लाभ देने के मकसद से एक और काम किया है और वह काम है आमजनता को काई भी प्रमाण-पत्र आसानी से मिल सके। मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक लोगों को जाति, आय, जन्म, मृत्यु, आवासीय प्रमाण पत्र आदि बनाने में अब पहले की तरह परेशानी नहीं उठानी पड़ रही है। इसके लिए सरकार ने झारसेवा अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत ये प्रमाण पत्र आवेदन करने के 15 दिनों के अंदर जारी कर किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शुरूआत एक वर्ष में ही राज्य सरकार ने सराहनीय कार्य करने शुरू कर दिए थे। चाहे इसके तहत कृषि ऋण माफी की योजना रही हो या फिर वन पट्टा वितरण, 15 लाख नये राशन कार्ड, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में हेमंत सरकार ने शुरूआती वर्ष से लेकर अब तक बेहतरीन कार्य किये हैं। आदिवासी समुदाय की मांग ‘सरना धर्म कोड’ को राज्य सरकार ने विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को अपनी अनुशंसा भेजे। इससे राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सरना धर्म कोड को लागू करने को लेकर काफी खुशी दिखाई दे रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सरना धर्म कोड की सौगात आदिवासी समुदाय को देने का काम किया है, जिसकी उम्मीद आदिवासी समाज बहुत समय पहले से कर रहा था।
भले ही, पिछले दो साल से कोरोना महामारी ने सबकुछ प्रभावित किया हो, लेकिन झारखंड सरकार ने संकट को भी अवसर में बदलने का पूरा कार्य किया। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य प्रत्येक क्षेत्र में तीव्र गति से विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री के दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत कोरोना वैश्विक महामारी के संकट काल में झारखंड देश का ऐसा राज्य बना, जहां प्रवासी मजदूरों को बस, ट्रेन एवं हवाई जहाज के माध्यम से वापस घर लाने का कार्य कर दिखाया। कोरोना संकट काल में सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर लाने का काम ही नहीं, बल्कि गरीब और जरूरतमंदों को भरपेट भोजन की व्यवस्था करने का भी काम किया गया। राज्य में, वर्तमान सरकार के गठन के बाद से ही शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी सहित सभी क्षेत्रों में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं पर कार्य शुरू हुआ है।
192 सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार को दी स्वीकृति
हेमंत सोरेन सरकार सिंचाई योजनाओं को लेकर भी हमेशा सक्रिय रही है। इसी क्रम में सरकार ने राज्य में 192 तालाब, आहर, बांध, मध्यम सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार कार्य को स्वीकृति प्रदान की है। इन परियोजनाओं पर कुल 143 करोड 68 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। बता दें कि सरकार गठन के तुरंत बाद जल संचयन और संरक्षण को गति देने के उद्देश्य से ग्रामीण विकास विभाग ने नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना प्रारंभ की थी। इन सिंचाई योजनाओं का 100 प्रतिशत क्षमता दोहन के उद्देश्य से जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ किए गए हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर सिंचाई क्षमता वर्तमान के 2,207 हेक्टेयर से बढ़कर 13,365 हेक्टेयर हो जाएगा।
झारखंड की हेमंत सरकार ने राज्य के गरीब लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री दीदी किचन की शुरूआत भी की है। लॉकडाउन के कारण गरीब-गुरबों को दो वक्त का भोजन कराने के उद्देश्य से इसकी शुरूआत हुई थी। इसके तहत अनाथ, बेसहारा, दिव्यांग, बुजुर्ग, गरीब, बीमार, विधवा, लाचार, अतिगरीब व मजदूरों को नि:शुल्क खाना उपलब्ध कराया गया। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग के अधीन झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत सखी मंडल की दीदियों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इन दीदियों ने जरूरतमंद व उनके परिजनों को दो वक्त का खाना नि:शुल्क मुहैया कराया। 5 अप्रैल, 2020 से शुरू हुई इस दीदी किचन की संख्या शुरूआत में 2321 थी, जिसके तहत 65,820 जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया गया। पहले फेज में राज्य के विभिन्न पंचायत क्षेत्र में सीएम दीदी किचन की संख्या 4268 थी, वहीं दूसरे फेज में दीदी किचन की संख्या 1835 और बढ़ गया। इस तरह पूरे राज्य में 6103 सीएम दीदी किचन की संख्या हो गयी थी। कोरोना संकट के के दौरान झारखंड की हेमंत सरकार ने मुख्यमंत्री दाल-भात योजना की शुरूआत की थी। इसके तहत पूरे राज्य में करीब 350 मुख्यमंत्री दाल-भात योजना का संचालन हुआ।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के विकास के लिए हर संभव जरूरी कदम उठा रहे हैं। वह कभी बड़े फैसले लेने में भी पीछे नहीं रहते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले लेकर सबको चौंकाया भी। उनकी इस सूची में कई ऐसे फैसले रहे हैं, जिनमें राज्य के 20 वर्ष के सफर के दौरान पहली बार खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में सीधी नियुक्ति से बहाली, झारखंड के युवाओं को प्राइवेट नौकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण और तकनीकी शिक्षित को 5000 रुपये सालाना बेरोजगारी भत्ता के साथ ही शहर के कचरे का बेहतर प्रबंधन जैसे कई फैसले महत्वपूर्ण रहे। पहली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति के तहत सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे। इस नियुक्ति के तहत राज्य के 40 खिलाड़ियों को झारखंड पुलिस में सरकारी नौकरी दी गई।
झारखंड में अवस्थित प्राइवेट कंपनियों में स्थानीय युवाओं को नौकरियों के लिए 75 फीसदी आरक्षण की घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान किया। यानि अब झारखंड में प्राइवेट कंपनियों को अपने यहां 75 फीसदी नौकरियां स्थानीय युवाओं को देनी होगी। इसके साथ ही राज्य में तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों के उन्नयन के लिए राज्य सरकार द्वारा 5000 रुपये सालाना बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
राजधानी रांची को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कचरे का बेहतर प्रबंधन करने की योजना की शुरूआत भी की है, जिसके लिए सीएम के समक्ष रांची नगर निगम की ओर से कचरे से गैस उत्पादन के लिए कंप्रेस बायोगैस प्लांट के निर्माण को लेकर करार किया गया है।
वहीं, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी वर्ग के लोगों को 1000 रुपये पेंशन की राशि डीबीटी से सीधे राशि अकाउंट में भेजी जा रही है। पिछले साल ही इसकी शुरूआत कर दी गई थी। सार्वभौमिक वृद्ध कल्याण योजना पेंशन योजना के तहत 1000 रुपया प्रति माह 60 वर्ष के ऊपर के लाभुकों को बैंक खाते में पैसा भेजी जा रही है, जिससे लोगों को आर्थिक रूप से सहायता मिल रही है।
सरकार ने झारखंड के 15 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड देने की योजना बनाई है। इसके तहत इन्हें हर माह पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। वहीं, 89 विद्यालय एवं छात्रावास भी शुरू किये गये हैं। 136 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है।
बॉक्स…..
बॉक्स….. लोगों के दर्द और तकलीफ का समाधान करना सरकार का मुख्य उद्देश्य : हेमंत सोरेन जनता को पहले अपने काम के लिए मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे। सरकार जिला और प्रखंड मुख्यालय से काम करती थी। सरकारी महकमे को राज्य मुख्यालय से उठाकर गांव, पंचायत और लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया। अब मिनटों में पेंशन कार्ड और राशन कार्ड बन रहे हैं। लोगों का हक और अधिकार उनके हाथों में देने का अलग ही आनंद है। ये बातें दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही। उन्होंने आगे कहा कि शासक कभी निठल्ला नहीं होता है बल्कि शासक निठल्ला होता है। उन्होंने कहा, जब शासक गांव जाने लगे तो शासन भी गया। उन्होंने बताया कि शासन का सबसे कल्याणकारी कार्य यही है कि पंक्ति के अंतिम छोर में बैठे आदमी को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद पैदा हुआ डर, भय और अशांति का डरावना माहौल खत्म हो गया है। सरकार चौकन्ना रहकर निर्णय लेती है। लोगों के दर्द और तकलीफ का समाधान करना है।
वैरियंट से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार : बन्ना गुप्ता
केंद्र सरकार की घोषणा के बाद झारखंड सरकार ने 16-18 साल आयु वर्ग के किशोरों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए कमर कस ली है। हेमंत सोरेन सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के नेतृत्व में 40 लाख किशोरों को कोरोना का टीका लगाने की योजना बना ली है। टीकाकरण जिलों में संचालित सेंटर और स्कूलों पर देने पर विचार किया जा रहा है। इस आयुवर्ग के बच्चे 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। टीकाकरण के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि ऑमिक्रोन वैरियंट से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि संभावित तीसरी लहर को देखते हुए 28 हजार 600 बेड आरक्षित किए गए हैं। उन्होंने कहा, जरूरत पड़ने पर इसमें इजाफा किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 60 पीएससी प्लांट बनाए जा चुके हैं और 12 पीएससी प्लांट बनाने का काम लंबित है। बॉक्स….. इन योजनाओं का आज होगा शिलान्यास और उद्धाटन …
राज्य की हेमंत सोरेन सरकार आज अपने दूसरे वर्षगांठ पर राज्यवासियों को कई सौंगात देने जा रही है, जिसमें कांके में बनने वाले ट्रांसपोर्ट नगर सबसे प्रमुख है। इसके साथ ही 224.94 करोड़ की लागत से बनने वाले योगदा सत्संग आश्रम, बहुबाजार से शांति नगर, कोकर तक (भाया कांटाटोली) फ्लाईओवर निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा। आज रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में करीब 15753.80 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्धाटन होगा, जिसमें 12,558 करोड़ की योजनाओं का होगा शिलान्यास तथा 3,195 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। मुख्यमंत्री रांची स्मार्ट सिटी में मंत्रियों के आवास निर्माण योजना का भी शिलान्यास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सीएम हेमंत सोरेन नियुक्ति सहित कई अन्य लाभकारी योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं, जिसमें धनबाद जिला के प्रखंड सह अंचल बलियापुर में कार्यालय, निरसा प्रखंड कार्यालय, बुंडू प्रखंड सह अंचल का कार्यालय, गुमला के विशुनपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय, बोकारो जिला के पेटरवार प्रखंड सह अंचल कार्यालय शामिल होंगे। इसके अलावा जेनासाई वीयर योजना के लाइनिंग एवं नहरों के पुनरूद्धार कार्य, लोरगरा जलाशय योजना के नहरों का निर्माण, चाकुलिया ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट, कतरास में लिलोरी स्थान पार्क का विकास, हजारीबाग देवघर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट, झारखंड राज्य आवास बोर्ड, रांची का नया कार्यालय भवन, रणधीर वर्मा स्टेडियम का सौंदर्यीकरण, चासनाला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने विवाह मंडप का निर्माण, बलिहारी में विवाह भवन का निर्माण, गिरिडीह के नए समाहरणालय भवन, खूंटी के कर्रा में एकलव्य विद्यालय, ओरमांझी में आश्रम विद्यालय, कांके में प्लस टू हाई स्कूल भवन, जमशेदपुर के धालभूमगढ़ स्थित नरसिंहगढ़ (पावड़ा) में जीएनएम छात्रावास का निर्माण कार्य उद्घाटन शामिल रहेगा। वहीं, हुसैनाबाद शहरी जलापूर्ति योजना, लागत- 47.10, रांची स्मार्ट सिटी में मंत्रियों के आवास का निर्माण, लागत- 69.90, रांची शहर में ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण, लागत – 113.24, योगदा सत्संग आश्रम, बहुबाजार से शांति नगर, कोकर तक (भाया कांटाटोली) फ्लाईओवर, लागत- 224.94, धनबाद बैंक मोड़ के पास पांच तल्ला वाणिज्यिक भवन, लागत- 23.78, झरिया अंचल वार्ड 8.31 संख्या 36, 43, 44 एवं में पथ का मजबूती कार्य, लागत- 8.31, धनबाद नगर निगम अन्तर्गत वार्ड 27 कोहिनूर मैदान, हीरापुर में वेंडिंग जोन का निर्माण, लागत – 2.07, धनबाद नगर निगम अन्तर्गत वार्ड 21 बरटांड स्टैंड में 2 अदद (50 बेड) के आश्रयगृह का निर्माण, लागत – 1.30
भवन निर्माण विभाग : गुमला में नए अनुमंडलीय कार्यालय भवन, लागत- 6.23, गुमला में ईवीएम वेयर हाउस का निर्माण, लागत- 4.18, बगोदर सरिया, गिरिडीह में नए अनुमंडलीय कार्यालय भवन का निर्माण, लागत- 8.05, सिमरिया, चतरा में नये अनुमंडलीय आवासीय भवन, लागत- 10.39, लोहरदगा में नए अनुमंडलीय कार्यालय भवन, लागत – 9.48, लोहरदगा, सरायकेला, कोडरमा, जामताड़ा, रामगढ़ , पाकुड़ में ईवीएम वेयर हाउस के निर्माण कार्य का शिलान्यास शामिल रहेगा।
आइटीआइ बुंडू में 100 बेड के छात्रावास, लागत- 2.43, साहिबगंज में छह कब्रिस्तानों की घेराबंदी, लागत- 1.27, गुमला में चार छात्रावासों का मरम्मति/जीर्णोद्धार कार्य, लागत – 3.31, गुमला में कब्रिस्तानों की घेराबन्दी, लागत- 0.28, गुमला में धुमकुड़िया भवन का निर्माण, लागत- 0.36, गुमला में आदिवासी संस्कृति एवं कला केन्द्र भवन निर्माण, लागत – 0.80, हजारीबाग सदर अस्पताल में रैंप व लिफ्ट, लागत – 2.45, एमजीएम जमेशदुपर में लिफ्ट, कैथलैब के कार्य, लागत- 0.93, पीएमसीएच, धनबाद में लेक्चर थियेटर, लागत- 3.82, संयुक्त श्रम भवन, गिरिडीह का निर्माण, लागत- 3.35,बोकारो में श्रम न्यायालय भवन निर्माण, लागत- 2.52, विभिन्न जिलों में सात औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का निर्माण, लागत – 43.45, राज्य योजना से 28 प्रखंड भवनों का निर्माण, लागत – 154.59, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजनान्तर्गत 31 योजनाएं, लागत- 18.73, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 108 पथ योजना, लागत – 629.58, आरसीपीसीएल के तहत 125 सड़कों का निर्माण, लागत – 595.93, आरसीपीसीएल के तहत 71 पुलों का निर्माण, लागत – 169.49, सुवर्णरेखा परियोजना अन्तर्गत खरकई बराज से पानी लिफ्ट कर पाइपलाइन द्वारा सिंचाई देने एवं पेयजलापूर्ति हेतु सीतारामपुर जलाशय में पानी जमा करने का टर्न की कार्य, लागत – 132.95, जादूगोड़ा वितरणी तथा आसनबनी वितरणी से पाइपलाइनद्वारा सिंचाई प्रणाली का टर्न की आधार पर निर्माण कार्य, लागत- 86.44, नेशनल हाइडोलाजी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जल गुण नियंत्रण प्रयोगशाला तथा डाटा एवं ट्रेनिंग सेंटर भवन का निर्माण, लागत- 12.96, 102 पथों का निर्माण , लागत- 1627.52, दो पुलों का निर्माण, लागत- 12.42 व विभिन्न जिलों में ग्रामीण जलापूर्ति संबंधित विभिन्न योजनाएं, लागत- 8428.79 के कार्यों का भी शिलान्यास किया जाएगा।