Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » भोजपुरी, मगही, मैथिली व अंगिका को JSSC परीक्षा में शामिल करे सरकार: के.एन.त्रिपाठी
    Breaking News Headlines झारखंड राजनीति शिक्षा

    भोजपुरी, मगही, मैथिली व अंगिका को JSSC परीक्षा में शामिल करे सरकार: के.एन.त्रिपाठी

    Devanand SinghBy Devanand SinghAugust 18, 2021No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

    भोजपुरी, मगही, मैथिली व अंगिका को JSSC परीक्षा में शामिल करे सरकार: के.एन.त्रिपाठी

    राज्य की यूपीए सरकार की नियोजन नीति को स्वागत योग्य बताते हुये इसमें कुछ संसोधन कर जेपीएससी परीक्षाओं में भोजपुरी, मगही, अंगिका व मैथिली को शामिल करने की मांग पूर्व मंत्री व व कांग्रेस नेता के.एन.त्रिपाठी ने की।

    मंगलवार को रांची में प्रेस को संबोधित करते हुये पूर्व मंत्री त्रिपाठी ने कहा कि इस नीति से राज्य की 30 से 40% आबादी को अपने ही राज्य में रोजगार नहीं मिलेगा। राज्य के 16 ऐसे जिले हैं जहां नई नियोजन नीति में चयनित 12 भाषायों की जानकारी नहीं हैं। ऐसे जिलों के अभ्यर्थियों की चार प्रमुख भाषाएं भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली के जानकार है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि हेमंत सरकार की नयी नियोजन नीति में इन चारों भाषाओं को नहीं जोड़ा गया है।

    के. एन त्रिपाठी ने आगे बोलते हुये कहा कि राज्य में मगही, भोजपुरी भाषा को बोलने और समझने वाले लोग गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, जामताड़ा, रांची में काफी संख्या में रहते हैं। वही अंगिका एवं मैथिली बोलने एवं समझने वाले लोग गोड्डा,  साहिबगंज, पाकुड़, देवघर, जामताड़ा में निवास करते हैं। इन लोगों को झारखंड गजट में शामिल 12 जनजाति भाषाओं का ज्ञान नहीं है ऐसे में झारखंड के मूलवासी होने के बाद भी वे नियोजन में अपने अधिकारों से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग है कि नई नियोजन नीति में स्थित चार भाषाओं को भी जोड़ने पर विचार करें, ताकि झारखंड के सभी जिले के युवाओं को अपने राज्य में नौकरी मिल सके।

    आला अधिकारी मुख्यमंत्री को गुमराह  कर रहे

    नई नियोजन नीति को सवालों के घेरे पर लेते हुए के. एन. त्रिपाठी ने झारखंड के आला अधिकारियों पर मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अधिकारी आज भी रघुवर शैली पर काम कर रहे हैं। वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सम्मानित सदस्य होने के साथ राज्य के पूर्व मंत्री भी है। पिछले कई बार से दिल्ली जाते हैं तो दिल्ली स्थित झारखंड भवन में उन्हें कमरा तक नहीं मिलता है। पूछने पर झारखंड भवन के रेसिडेंट कमिश्नर कहते हैं कि अब कानून बदल गया है उन्होंने कहा।

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleहेडलाइंस राष्ट्र संवाद
    Next Article भाजपा जिला महामंत्री राकेश सिंह ने समाचारपत्र के संपादकों को लिखा पत्र, काले के नाम के साथ भाजपा ना जोड़ने की मांग की

    Related Posts

    नए सीजेआई जस्टिस बी.आर. गवई के छोटे कार्यकाल की बड़ी चुनौतियां

    May 15, 2025

    लावारिस मिलती नवजात बच्चियाँ: झाड़ियों से जीवन तक

    May 15, 2025

    काबिलियत और अंक: दोनों में फर्क समझें

    May 15, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    अभी-अभी

    नए सीजेआई जस्टिस बी.आर. गवई के छोटे कार्यकाल की बड़ी चुनौतियां

    लावारिस मिलती नवजात बच्चियाँ: झाड़ियों से जीवन तक

    काबिलियत और अंक: दोनों में फर्क समझें

    राष्ट्र संवाद हेडलाइंस

    बिहार के दरभंगा में राहुल गांधी के कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई: कांग्रेस

    ‘ ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है, विपक्ष को ‘अवांछित’ सवाल नहीं उठाने चाहिए : भाजपा

    छत्तीसगढ़ में 21 दिन चले नक्सल विरोधी अभियान में 31 नक्सली मारे गए, 18 जवान भी घायल

    बैकुंठ शुक्ल की पुण्यतिथि पर नमन परिवार ने दीं श्रद्धांजलि

    ऑपरेशन सिंदूर की गौरवगाथा और भारतीय सेना के पराक्रम को समर्पित विशाल तिरंगा यात्रा की सभी तैयारियां हुई पूरी

    चौकीदार नियुक्ति हेतु शारीरिक माप (दौड़) परीक्षा के प्रथम दिन फतेहपुर, कुंडहित एवं नाला के सफल अभ्यर्थी शारीरिक परीक्षण में हुए सम्मिलित,कुल 584 अभ्यर्थियों में से 31 रहे अनुपस्थित

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.