दहेज रोकथाम कमेटी की बैठक में दहेज निषेध अधिनियम 1961 को जन-जन तक प्रसारित करने का लिया गया निर्णय
जामताड़ा: सम्मिलित 4 जिले जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह एवं धनबाद की दहेज रोकथाम कमेटी की एक अहम बैठक स्थानीय जामा मस्जिद नारायणपुर में मौलाना अब्दुल रऊफ आलियावी की अध्यक्षता एवं हाफिज अलाउद्दीन असरी के संचालन में संपन्न हुई। मौलाना इकबाल असरी ने कमेटी का उद्देश्य एवं दहेज को खत्म करने के उपाय संबंधी बिंदुओं को विस्तारित करते हुए आमजन को बताया की किसी भी तरह से समाज से दहेज को खत्म करना है। वालंटियरशिप की जिम्मेवारी फारुख फतेह ने निभाई। दहेज प्रथा उन्मूलन कार्यक्रम की मॉनिटरिंग मुफ्ती सईद आलम एवं गाजी रहमतुल्लाह रहमत ने बखूबी निभाया । प्रारूप निर्माण एवं संपर्क अभियान का कार्य मौलाना तारिक अनवर ने बड़े ही सुचारू रूप से किया। कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कोई भी इमाम दहेज लेने देने वाले का निकाह नहीं पढ़ाएगा तथा बारात में फिजूलखर्ची बंद कराई जाएगी ।बेटी के बाप को खिलाने पिलाने के लिए कोई बाध्य नहीं करेगा| सजाने संवारने के कांसेप्ट को भी खत्म किया जाएगा। अगुवागिरी करने वाले को भी आगाह किया जाएगा कि वह निःशुल्क सेवा करें ।दहेज के मामले को सबसे पहले ग्राम स्तर की कमेटी से हल किया जाएगा। कमेटी द्वारा एक अभियान ऐसा भी चलाया जाएगा जिससे यह पता चले कि शादी के बाद भी कोई बहू दहेज के लिए प्रताड़ित ना हो। दहेज निषेध अधिनियम 1961 को जन-जन तक प्रसारित किया जाएगा । समाज में बेटियों का हक दबाया जाता है। उन्हें इस्लामिक ढंग से विरासत में से हिस्सा भी दिलाया जाएगा। कमेटी ऐसा कार्यक्रम चलाने जा रही है जिससे बहुओं की दहेज प्रताड़ना और दहेज हत्या को रोका जा सके। बेटी के बाप को दर-दर की ठोकरें ना खानी पड़े। उन्हें अपनी जगह जमीन महाजनों के हाथों गिरवी ना रखनी पड़े ।
इस अवसर पर चारों जिले के गणमान्य व्यक्ति ,बुद्धिजीवी, समाजसेवी और आलिम उपस्थित हुए और सबने शपथ पत्र भरते हुए यह कहा कि हम ना दहेज लेंगे ना देंगे ,बहन बेटियों को विरासत में से हिस्सा देंगे तथा दहेज से संबंधित जो कोई भी मामला आएगा उसे हम सभी समाज के लोग मिल बैठकर हल करेंगे। शादी सुन्नत के मुताबिक करेंगे और लेन-देन कि जो कोई भी बात करेगा उसका सामाजिक बहिष्कार करेंगे।
इस अवसर पर मौलाना अब्दुल हमीद ,मौलाना मोहिउद्दीन ,मौलाना तौहीद, हाफिज नजीर, मोहम्मद फारुख, मौलाना फखरुद्दीन, हाफिज जाकिर, मौलाना तैयब, मौलाना अब्दुल रजाक मिस्बाही, मौलाना मोहम्मद असगर ,मुफ्ती गुलाम हैदर, शमशुल हक मिस्बाही, हिफाजतुल्लाह सल्फी, मौलाना हिलाल रियाजी, मौलाना अल्ताफ सलफी , मौलाना शहाबुद्दीन, मौलाना इदरीश ,मोहम्मद रिजवान , मोहम्मद इमरान, फारुक फतेह , हाफिज जाकिर अहसन जमील, शहादत बरकाती, मौलाना सद्दाम जामई, मोहम्मद असगर, गुलाम मुस्तफा कादरी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति ने अपना अपना मंतव्य रखा ।
अंत में यह निर्णय लिया गया की दहेज उन्मूलन अभियान को जमीनी स्तर तक पहुंचा कर और समाज के हर व्यक्तियों के अंदर मानसिक क्रांति पैदा करके दहेज प्रथा को खत्म किया जाएगा ।
मौलाना इकबाल असरी ने कहा कि अगली मीटिंग की घोषणा बहुत ही जल्द की जाएगी । मुफ्ती सईद एवं गाजी रहमतुल्लाह रहमत ने कहा कि दहेज उन्मूलन का पूर्ण रूप से प्रारूप तैयार करने के बाद जन-जन तक प्रसारित कर दिया जाएगा जिसमें यह उल्लेखित रहेगा कि दहेज को किस सिस्टम से खत्म करना है।