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    पुल निर्माण संघर्ष समिति द्वारा झारखंड सरकार के कई मंत्री व विधायको को लिखित मांग पत्र भी दिया गया है,पर अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है

    Nijam KhanBy Nijam KhanMarch 14, 2021No Comments3 Mins Read
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    बारबेंदिया पुल निर्माण संघर्ष समिति जामताड़ा ने समाहरणालय के समक्ष पुल निर्माण हेतु एक दिवसीय धरना दिया. धरना की अध्यक्षता पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार महतो ने किया. धरना कार्यक्रम के बाद उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम मांग पत्र सौंपा.

    इस मौके पर पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार महतो ने कहा कि जामताड़ा और निरसा (धनबाद) के बीच बराकर नदी में विगत 13 वर्ष पूर्व पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, जिसकी लागत लगभग 36 करोड़ रुपये थी.

    कहा कि 58 पिलर से बनने वाला झारखंड का सबसे लंबा पुल है, जिसका कार्य प्रगति के दौरान ही पानी के तेज बहाव से पांच पिलर गिर गया था. यह पुल संथाल परगना के साहिबगंज, गोड्डा, देवघर, पाकुड़, दुमका और जामताड़ा को नेशनल हाईवे जीटी रोड से जोड़ने वाला पुल एकमात्र सपना बनकर रह गया है.

    ग्रामीणों का कहना है कि 13 वर्ष से सरकार पुल की जांच के नाम पर टालमटोल कर रही है. नदी किनारे बसने वाले बिरग्राम, श्यामपुर, मेंझिया, बेल्डीह, किताझोर, चालना, शहरजोरी, दूलाडीह, लाधना, निलदाहा, चेंगायडीह , गोखलाडीह आदि गांव के लोगों को निरसा धनबाद रोजी रोजगार करने, स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं, इलाज में जाने के लिए धनबाद, रांची जाना पड़ता है.

    लेकिन घाट पर अधूरा पुल होने से ग्रामीणों मैथन होते हुए निरसा जाना पड़ता है, जिसकी दूरी लगभग 60 किलोमीटर है. अगर इस बरबेंडिया घाट पर पुल बन जाने से जामताड़ा और निरसा धनबाद की दूरी घटकर 25 किलोमीटर हो जाएगी. दोनों तरफ से पुल का छत तैयार होकर आगे बढ़ रहा था. आधा से अधिक कार्य पूरा हो चुका है.

    ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार पुल निर्माण का कार्य शुरू करती है तो बहुत कम समय में यह अधूरा काम पूर्ण हो सकता है. गिरे हुए 5 पिलर के स्थान पर तेजी से नया पिलर देकर काम शुरू कराया जाए तो बहुत कम समय में पुल बनकर तैयार हो जाएगा. रोजाना हजारों लोगों को नाव से नदी पार कर जाना पड़ रहा है. कई बार नदी में नाव डूबने की स्थिति हो चुकी है. लोग जान हथेली पे रख कर नाव पर सवार होते हैं.

    पुल निर्माण संघर्ष समिति द्वारा झारखंड सरकार के कई मंत्री व विधायको को लिखित मांग पत्र भी दिया गया है. मगर अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है.

    कहा कि कोरोना वायरस महामारी के समय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख एवं स्थानीय विधायक सह कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर इरफान अंसारी को बराकर नदी के बारबंदिया नदी घाट पर कार्यक्रम के दौरान मेमोरेंडम देकर अधूरे पूल निर्माण को पूरा करने का मांग किया गया था, जिसपर उन दोनों ने नए सत्र 2021 में पुल का निर्माण कार्य शुरू कराकर पूर्ण कराने का वादा किया था. मगर अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.

    इस अवसर पर पुल निर्माण संघर्ष समिति के सचिव मोहम्मद रफीक अंसारी , दीपक कुमार महतो , मोटा मुर्मू , दीपेन मण्डल, मनोज कुमार महतो , सरफराज आलम अंसारी , तरन्नुम यासमीन , अहमद हुसैन , अजय महतो , जियाराम महतो , धनंजय महतो , अंबिका महतो , हेमंत सिंह , मंटू महतो , मुख्तार अंसारी , गुलाम सरवर , सोहराब अंसारी , जाहिद हुसैन , विवेक कुमार महतो , तपन कुमार महतो सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.

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