नई दिल्ली. तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों के धरना-प्रदर्शन को एक महीना होने को आया है. यहां पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. वहीं सरकार ने किसानों को पत्र लिखकर वार्ता का आमंत्रण दिया है, लेकिन किसान संगठन लगातार सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं.
वहीं दिल्ली-यूपी और हरियाणा के अन्य बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसान धरने पर हैं और अपनी मांगों को लेकर टस से मस नहीं हो रहे हैं. इसके चलते दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को रोजाना यातायात जाम की दिक्कत से जूझना पड़ता है.
शनिवार को क्रिसमस की छुट्टी होने के चलते आम दिनों की तुलना में राहत मिल सकती है. प्रदर्शन के चलते सिंघु और टीकरी बॉर्डर बंद है तो गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर को भी बंद किया गया है. ऐसे में दिल्ली यातायात पुलिस ने नोएडा और गाजियाबाद के लोगों को चिल्ला बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से आवागमन नहीं करने की गुजारिश की है.
उधर केंद्र सरकार द्वारा किसान हितों को ध्यान में रखते हुए नवीन कृषि बिलों का समर्थन करने के लिए जिले के किसान सामने आए हैं. यूपी की अखिल भारतीय गुर्जर महासभा की ओर से गुरूवार को किसान बिल का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के नाम पत्र लिखकर कृषि बिल के लिए आभार प्रकट किया.
अखिल भारतीय गुजज़्र महासभा के जिलाध्यक्ष चौधरी बबलू गुर्जर ने बताया कि संगठन की ओर से भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आशु वर्मा को ज्ञापन देकर किसान बिल का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि किसान होने के नाते हम सरकार के नवीन कृषि बिल का प्रचार प्रसार करते हुए समस्त जनपद को जागरूक करेंगे. वह विभिन्न स्थानों पर जाकर किसानों को इस बिल से होने वाले लाभ के बारे में जागरूक करते हुए कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. महामाया फ्लाइओवर के पास गुर्जर संगठन के पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष से मिलने पहुंचे थे.