क्वालालम्पुर: मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक भ्रष्टाचार समेत 7 मामलों में दोषी पाए गए. इनमें मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद (1एमडीबी) स्टेट फंड फ्रॉड सबसे बड़ा मामला है. इसमें अरबों डॉलर इन्वेस्टमेंट के नाम पर वसूले गए. बाकी पांच मामले भी कहीं न कहीं भ्रष्टाचार से जुड़े हैं. इसके लिए उन्हें 12 साल जेल की सजा सुनाई गई है. साथ ही करीब 368 करोड़ रु. (210 मिलियन मलेशियन रिंगिट) का जुर्माना लगाया गया है.नजीब को आपराधिक विश्वासघात और मनी लॉन्ड्रिंग के तीन-तीन मामलों में प्रत्येक में 10-10 साल जेल की सजा मिली है. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.इस तरह उन्हें 12 साल की जेल होगी. हालांकि, फिलहाल उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा, क्योंकि उनकी सजा को अमल में लाने पर रोक लगाने के लिए दायर अपील को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने बुधवार तक आरएम1 मिलियन (1.76 करोड़ रुपए) बेलआउट रकम के तौर पर चुकानी होगी.महीने में दो बार पुलिस के सामने हाजिरी भी देनी होगी. वे मंगलवार 28 जुलाई को सुबह 10 बजे हाईकोर्ट पहुंचे थे. मलेशिया के अखबार न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स के मुताबिक- हाईकोर्ट के जज मोहम्मद गजाली ने दो घंटे तक फैसला पढ़ा. कहा- मैं आरोपी को दोषी पाता हूं. नजीब ने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया. उन्हें सभी मामलों में दोषी पाया गया है. यह फैसला नई सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में नजीब की मलय पार्टी के शामिल होने के पांच महीने बाद आया है.94 दिन ट्रायल चलाकुल 94 दिन सुनवाई हुई. जज हर मामले में अलग-अलग सजा सुना सकते हैं. 67 वर्षीय नजीब फैसला सुनने के बाद शांत थे. सोमवार रात उन्होंने फेसबुक पर लिखा था- आखिर तक लड़ाई लडऩे के लिए तैयार हूं. यह सियासी साजिश है.