नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के बारे में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से बताया. उन्होंने बुधवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लघु एवं कुटीर उद्योगों (एमएसएमई) को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा.
एमएसएमई के लिए सरकार छह कदम उठाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी. बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा और 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा. इन्हें एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा. तनाव वाली एमएसएमई को 20,000 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा.
सीतारमण ने बताया कि जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना है. यह 31 अक्टूबर 2020 तक वैलिड है. वित्त मंत्री ने कहा कि रूस्रूश्व देश की रीढ़ है और यह सेक्टर 12 करोड़ लोगों को रोजगार देता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है. इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है.
1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छा कर रहे एमएसएई के लिए फंड ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 50,000 का प्रावधान किया गया है. इससे इन इकाइयों को आकार और क्षमता बढ़ाने का अवसर मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज का फोकस लैंड, लिक्विडिटी, लेबर और लॉ पर होगा.