मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही शिवसेना विधायकों की नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं. उद्धव कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज कई विधायकों ने शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बना ली. इनमें से ज्यादातर मंत्री पद के दावेदार थे. शिवसेना के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत भी अपने भाई सुनील राउत को मंत्री न बनाए जाने से निराश बताए जा रहे हैं.हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से किसी भी तरह की नाराजगी की खबरों का खंडन किया है. संजय राउत विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन बनाने के समर्थन में काफी मुखर रहे थे. ऐसे में संजय राउत का शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित न होना सबको संदेश दे गया.सुनील राउत मुंबई के विक्रोली से विधायक हैं और सोमवार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के मंत्रिपरिषद के विस्तार में मंत्री बनने के प्रबल दावेदार समझे जा रहे थे. सुनील राउत फिलहाल मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.सूत्रों का कहना है कि संजय राउत ने अपने भाई को मंत्री न बनाए जाने को लेकर भले ही सार्वजनिक रूप से कोई नाराजगी नहीं जाहिर की है, लेकिन वह इस पर उद्धव ठाकरे से शीघ्र ही बात करेंगे. मुंबई में रिपोर्टरों से बात करते हुए संजय राउत ने नाराजगी की बात को खारिज करते कहा, ‘मेरा परिवार और मैं हमेशा शिवसेना के साथ रहे हैं. हमने कभी किसी चीज की मांग नहीं की है. हमने महाराष्ट्र सरकार बनाने में भूमिका निभाई. मेरे भाई ने कभी मंत्री का पद नहीं मांगा, ये सब अफवाह है और कुछ लोग इसे फैला रहे हैं.’राउत के अलावा भी मंत्री के कई दावेदर पद न मिलने से नाराज हैं. विधायक प्रताप सारनिक, तानाजी सावंत, सुनील प्रभु, रवींद्र वायकर, भास्कर जाधव और रामदास कदम भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे.