कांग्रेस के निलंबित विधायकों को ओडिशा विधानसभा से ‘निकाला’ गया
भुवनेश्वर, 26 मार्च (भाषा) कांग्रेस के एक नेता ने बुधवार को आरोप लगाया कि अपने खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधानसभा के आसन के निकट धरने पर बैठे पार्टी के निलंबित विधायकों को जबरन विधानसभा से निकालकर कांग्रेस भवन के निकट छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा कि विधायकों को मंगलवार रात विधानसभा से ‘‘जबरन बाहर निकाल दिया गया’’ और उन्हें मास्टर कैंटीन में सड़क पर रात बितानी पड़ी।
कांग्रेस के निलंबित नहीं किए गए दो विधायकों में से एक विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने आरोप लगाया, “हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया और आधी रात को हमें विधानसभा से जबरन बाहर निकाल दिया गया। यह पूरी तरह से अवैध और अलोकतांत्रिक है।”
कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष भक्त चरण दास और ओडिशा के एआईसीसी प्रभारी अजय कुमार लल्लू 12 पार्टी विधायकों के निलंबन के विरोध में बुधवार को मास्टर कैंटीन क्षेत्र में धरने पर बैठे हैं।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता रामचंद्र कदम ने आरोप लगाया कि विधानसभा में पार्टी विधायकों को भोजन, पानी और यहां तक कि शौचालय की सुविधा भी नहीं दी गई। कदम मंगलवार रात विधानसभा में उस समय घायल हो गए, जब एक सुरक्षाकर्मी के दरवाजा बंद करते समय उनका हाथ दरवाजे के बीच में आ गया। उनकी उंगली में चोट लग गई।
कांग्रेस विधायकों को मंगलवार को ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में सदन से सात दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। वे पिछले साल जून में भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए सदन की समिति के गठन की मांग कर रहे थे।
कांग्रेस के 12 विधायकों के निलंबन के बाद मंगलवार रात विधानसभा के बाहर भी टकराव की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि पुलिस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। बाद में पुलिस नेताओं को सुरक्षित स्थान पर ले गई और उन्हें छोड़ दिया।
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जगमोहन मीना ने बताया कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया और रिजर्व ग्राउंड में छोड़ दिया गया।
कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ओडिशा में महिलाओं के शोषण और अत्याचार की जांच के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है। हमारे 12 विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया और अब जब प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास जी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जयदेव जेना जी विधानसभा में धरने पर बैठे विधायकों से मिलने जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया। सरकार उच्चस्तरीय जांच से क्यों डर रही है? जांच कमेटी न बनाकर वह क्या छिपाना चाहती है?”
निलंबित कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने बुधवार को कहा, “यह स्पष्ट कर दें – निलंबन और धमकी हमें रोक नहीं सकती। जब तक ओडिशा की हर महिला सुरक्षित महसूस न करे और उसे न्याय न मिले तब तक हम विधानसभा के अंदर और बाहर अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेंगे।”