विनिमय दर नीति स्थिर, रुपये के लिए कोई लक्ष्य नहीं : आरबीआई गवर्नर
मुंबई:भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि विनिमय दर नीति पिछले कई वर्षों से एक समान रही है और केंद्रीय बैंक ने रुपये के लिए किसी ‘‘विशिष्ट स्तर या दायरे’’ का लक्ष्य नहीं बनाया है।
रुपये की विनिमय दर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.59 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गई है। रुपया बृहस्पतिवार को 16 पैसे टूटकर 87.59 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था।
मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ मैं यहां यह बताना चाहूंगा कि रिजर्व बैंक की विनिमय दर नीति पिछले कई वर्षों से एक समान रही है। हमारा उद्देश्य बाजार की कार्यकुशलता से समझौता किए बिना, व्यवस्था व स्थिरता बनाए रखना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ विदेशी मुद्रा बाजार में हमारा हस्तक्षेप किसी विशिष्ट विनिमय दर स्तर या दायरे को लक्षित करने के बजाय अत्यधिक तथा विघटनकारी अस्थिरता को कम करने पर केंद्रित है। भारतीय रुपये की विनिमय दर बाजार तत्वों द्वारा निर्धारित होती है।’’
रुपये में इस साल अबतक करीब दो प्रतिशत की गिरावट आई है। छह नवंबर, 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से डॉलर के मुकाबले रुपये में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि इसी अवधि में डॉलर सूचकांक में 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले तीन महीनों में 45 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई जिसका आंशिक कारण विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई का हस्तक्षेप है। आठ नवंबर, 2024 तक विदेशी मुद्रा भंडार 675.65 अरब अमेरिकी डॉलर था।
इस साल 31 जनवरी तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 630.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो इससे पिछले सप्ताह 629.55 अरब अमेरिकी डॉलर था। यह 10 महीने से अधिक के आयात के लिए पर्याप्त है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के आकार तथा गति के बारे में उम्मीदें कम होने से अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है और बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ा है। उभरती अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में बड़े पैमाने पर पूंजी की निकासी हुई है, जिससे उनकी मुद्राओं में तेज गिरावट आई है और वित्तीय स्थितियां सख्त हुई हैं।