विभिन्न एम्स में संकाय की कमी चिंताजनक, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें स्वास्थ्य मंत्री: कांग्रेस
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने राज्यसभा में पूछे गए एक लिखित प्रश्न और उसके उत्तर का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि देश के विभिन्न अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में संकाय (फैकल्टी) की भारी कमी है जो बहुत चिंताजनक स्थिति है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “कल, राज्यसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में देश में पूरी तरह कार्यरत सात एम्स संस्थानों से संबंधित एक बेहद चिंताजनक आंकड़े सामने आये हैं।”
उन्होंने कहा कि एम्स दिल्ली में 34 प्रतिशत, एम्स भोपाल में 24प्रतिशत, एम्स भुवनेश्वर में 25 प्रतिशत, एम्स जोधपुर में 28प्रतिशत, एम्स रायपुर में 38 प्रतिशत, एम्स पटना में 27 प्रतिशत और एम्स ऋषिकेश में 39 प्रतिशत संकाय के पद खाली हैं।
रमेश के अनुसार, इसके अलावा, बारह शहरों में एम्स जैसी संस्थाएं आंशिक रूप से संचालित हैं, इन संस्थानों में भी संकाय की भारी कमी है।
उन्होंने दावा किया, “संकाय की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे हैं, लेकिन इन पदों पर भारी रिक्तियां अपने आप में चौंकाने वाली हैं। सबसे अधिक आश्चर्यजनक स्थिति दिल्ली में स्थित देश के सबसे प्रतिष्ठित एम्स की है, जिसे कई मायनों में इन संस्थानों की जननी माना जाता है।”
रमेश ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को मानकों को कमजोर किए बिना इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए ।