करमाटांड़ के एहतेशामुल हक़ को मिला राष्ट्रीय प्रेरणा दूत अवॉर्ड 2025, समाज सेवा में अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित
डाक विभाग के कर्मी एहतेशामुल हक़ ने शिक्षा, पर्यावरण और समाज सेवा में किए गए उल्लेखनीय कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया
जामताड़ा समीम अंसारी
जामताड़ा जिले के करमाटांड़ प्रखंड के छोटे से गांव अंकुरि के निवासी, डाक विभाग में कार्यरत एहतेशामुल हक़ को “राष्ट्रीय प्रेरणा दूत अवॉर्ड 2025” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें 1 से 3 फरवरी तक आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया, जिसमें उन्हें विशेष रूप से मूल सिल्वर मेडल से नवाजा गया। यह अवॉर्ड समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले व्यक्तियों के समर्पण, संघर्ष और अथक मेहनत को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार पहली बार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है, जिसने न केवल अपनी सफलता की कहानी लिखी, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर समाज में बदलाव लाया। “फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया ” द्वारा प्रदान किया गया यह अवॉर्ड समाज के उन नायकों को पहचानने का एक प्रयास है, जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। इस पुरस्कार के साथ दिए गए सिल्वर मेडल ने इस अवॉर्ड को और भी विशिष्ट बना दिया है, जो न केवल एक सम्मान है, बल्कि उन संघर्षों और प्रयासों की पहचान है, जिन्होंने न केवल अपना भविष्य संवारा, बल्कि दूसरों के लिए भी रास्ता खोला।एहतेशामुल हक़ करमाटांड़ प्रखंड के अंकुरि गांव के निवासी हैं और वे वर्तमान में संथाल परगना के गोड्डा जिले में डाक विभाग में कार्यरत हैं। वह हमेशा से समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। कोरोना काल में उन्होंने दलित बस्तियों में शैक्षणिक जागरूकता अभियान चलाकर एक नई दिशा दिखाई और शिक्षा के प्रति लोगों की मानसिकता को बदलने में अहम भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, एहतेशामुल हक़ ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण, स्वच्छता के लिए जनजागरण अभियान, गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था, और स्लम बस्तियों में बच्चों को शिक्षा देने के कार्यक्रमों में भी भाग लिया। उन्होंने गरीब और जरूरतमंद लोगों को विधिक सहायता प्रदान की और समाज में विवादों को समझौते के द्वारा सुलझाने का कार्य भी किया। उनके प्रयासों से न केवल लोगों को लाभ मिला है, बल्कि उन्होंने समाज में जागरूकता और सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।समारोह में इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद एहतेशामुल हक़ ने बताया कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्हें इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी सेवाओं का सम्मान प्राप्त हुआ। उनका यह सम्मान समाज सेवा के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय कार्यों की पहचान है। उनके अथक प्रयासों ने न केवल करमाटांड़ प्रखंड का नाम रोशन किया, बल्कि उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक मिसाल कायम की है।
एहतेशामुल हक़ के इस सम्मान पर उनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चे भी बहुत खुश हैं, और उनका कहना है कि यह उनके लिए प्रेरणा का एक नया स्रोत है। डाक विभाग के इंस्पेक्टर ज्ञान कुजूर, एसपीएम प्रीति झा, जामतारा के डीएम सलिल सर, रजनीश झा, उनके दादाजी हाजी मुबारक अंसारी, पिताजी महमूद अंसारी, चाचा ज़हूर आलम, आफताब आलम, महबूब आलम, हाजी सरफराज, इम्तियाज़ आलम शिक्षक और उनके सैकड़ों दोस्तों व शुभचिंतकों ने उन्हें इस सम्मान पर ढेर सारी शुभकामनाएं दीं।
इस समारोह में पूर्व श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम, आईएएस रितेश कुमार और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे। पूरे देश से सैकड़ों डेलीगेट्स ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, और यह सुनिश्चित किया कि समाज सेवा के प्रति एहतेशामुल हक़ का योगदान एक प्रेरणा बनकर लाखों लोगों को सकारात्मक दिशा में प्रभावित करेगा। एहतेशामुल हक़ का यह सम्मान सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि समाज के लिए उनकी निरंतर संघर्ष और योगदान का प्रमाण है, जो उन्होंने समय समय पर दिया। इस पुरस्कार से यह सिद्ध हो गया कि समाज में बदलाव लाने के लिए किसी विशेष स्थान या परिस्थिति की आवश्यकता नहीं होती, बस चाहिए तो एक मजबूत इच्छाशक्ति और सेवा का जज्बा।