नई दिल्ली. दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए परेशानी बढ़ गई है। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को गृह मंत्रालय से केस चलाने की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
आरोप है कि 2021-22 में लागू की गई दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति से शराब कारोबार से जुड़े ‘साउथ ग्रुप’ को बड़ा फायदा हुआ। इस नीति के तहत शराब की बिक्री और वितरण में कथित तौर पर भारी अनियमितताएं की गईं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने इस घोटाले में ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत ली। दिसंबर 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय ने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया गया कि केजरीवाल इस घोटाले के ‘मुख्य साजिशकर्ता’ हैं। अब गृह मंत्रालय ने ED को इस मामले में जांच और कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति दे दी है।
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, जबकि नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। इस घोटाले का मुद्दा चुनावी माहौल को गर्म कर सकता है। विपक्षी दल पहले से ही आम आदमी पार्टी (AAP) और केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं। अब ED को केस चलाने की मंजूरी मिलने के बाद यह मामला राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में आ सकता है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है। पार्टी का दावा है कि विपक्ष, खासकर केंद्र सरकार, दिल्ली चुनावों में उनके बढ़ते प्रभाव को देखकर घबरा गई है और यह कार्रवाई उसे बदनाम करने के लिए की जा रही है।
दिल्ली चुनावों में यह मामला एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। अब देखना यह होगा कि यह विवाद मतदाताओं के फैसले को कैसे प्रभावित करता है। क्या अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी की छवि बचाने में कामयाब होंगे, या यह मामला उनके लिए राजनीतिक नुकसान का कारण बनेगा? सभी की नजरें अब दिल्ली के चुनावी नतीजों पर हैं।