नई दिल्ली. सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में लगातार तीसरी तिमाही में कोई बदलाव नहीं किया है. सोमवार (30 सितंबर) को वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी है.
इससे पहले अप्रैल-जून (वित्त वर्ष 25) और जुलाई-सितंबर (वित्त वर्ष 25) तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. यानी, वित्त वर्ष 25 तिमाही के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) और किसान विकास पत्र (केवीपी) सहित सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर मिलने वाले ब्याज दर अपरिवर्तित रहेंगी.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर 7.1 प्रतिशत ब्याज दर मिलता है
अभी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1 प्रतिशत और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2 प्रतिशत ब्याज दर मिलती है. सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर फैसला लेने से पहले देश की लिक्विडिटी स्थिति और महंगाई पर भी नजर रखती है. हालांकि, पीपीएफ.एनएससी और केवीपी समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की हर तीन महीने पर समीक्षा करती है. स्मॉल सेविंग स्कीमों पर ब्याज दरें 4 प्रतिशत से 8.2 प्रतिशत के बीच हैं. सरकार ने इससे पहले दिसंबर 2023 में इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी की थी.
ब्याज दरों का हर तिमाही में रिव्यू होता है
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों का हर तिमाही में रिव्यू होता है. इनकी ब्याज दरें तय करने का फार्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था. समिति ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड के यील्ड से 0.25-1.00त्न ज्यादा होनी चाहिए.
हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं ये स्कीम
स्मॉल सेविंग स्कीम भारत में हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं और इसमें 12 इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं. इन स्कीम्स में डिपॉजिटर्स को उनके पैसे पर तय ब्याज मिलता है. सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स से हुए कलेक्शन को नेशनल स्माल सेविंग्स फंड (एनएससीएफ) में जमा किया जाता है. स्मॉल सेविंग स्कीम्स सरकारी घाटे के फाइनेंसिंग की सोर्स के रूप में उभरी हैं.