युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
राष्ट्र संवाद संवाददाता
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गिरिडीह जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं को लेकर मधुबन में अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए अहम निर्देश
किसानों- मजदूरों को सशक्त बनाने के लिए सरकार संकल्पित: हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड
राज्य सरकार की तमाम विकास योजनाएं धरातल पर दिखनी चाहिए। ये योजनाएं हर घर तक पहुंचे, इसे हर हाल में सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने गिरिडीह जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं को लेकर मधुबन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे पूरी संवेदना के साथ जनता की समस्याओं को सुने और समाधान निकालें। आपकी जिम्मेदारी बनती है कि जिले में सरकार की नीतियों और योजनाओं का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन हो ताकि उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति को भी मिल सके। इसमें किसी भी तरह की कोताही और लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
धान रोपनी की अद्यतन स्थिति की ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने जिले में मॉनसून की बारिश और धान रोपनी की स्थिति की जानकारी अधिकारियों से ली। इस दौरान वे किसानों के बीच बीज और खाद वितरण की वस्तुस्थिति से भी अवगत हुए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगर कम बारिश की वजह से धान की बुवाई प्रभावित होती है तो किसानों को वैकल्पिक कृषि के लिए तैयार करने की पूरी तैयारी रखें। किसानों को राहत करने के लिए सभी कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों को केसीसी का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने बैठक में कृषि ऋण माफी योजना की भी जानकारी ली।
मनरेगा के तहत ज्यादा से मानव दिवस का सृजन हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस सृजित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। ताकि, मजदूरों को अपने गांव घर में ही रोजगार मिल सके और उनका पलायन नहीं हो। उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिकों को पारिश्रमिक का भुगतान समय पर हो, इसे सुनिश्चित करें।
युवाओं का पलायन नहीं हो, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरिडीह जिले से बड़ी संख्या में ग्रामीण युवा रोजगार के लिए बड़े शहरों एवं दूसरे राज्यों के लिए पलायन करते हैं। यह काफी चिंतनीय है। हमारी सरकार ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं से युवाओं को जोड़ें, ताकि उन्हें अपने घर- गांव में ही रोजगार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पलायन करते हैं, उनका पूरा डेटाबेस भी रखें, ताकि विपरीत परिस्थितियों में उसे अथवा उसके परिजनों को सरकार की ओर से समुचित राहत दिलाई जा सके।