राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी, चेरी, मनातू स्थित ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के “तृतीय दीक्षांत समारोह” में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन, माननीय मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन एवं केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार अपनी अहम भूमिका निभाएगा
राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है
झारखंड में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के स्तर को शिखर तक ले जाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित
श्री चम्पाई सोरेन, मुख्यमंत्री
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के ‘तृतीय दीक्षांत समारोह’ में मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन का सम्बोधन..
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी, माननीय राज्यपाल, श्री सी०पी० राधाकृष्णन जी, माननीय शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी जी, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री जे०पी० लाल जी, विश्वविद्यालय के कुलपति श्री क्षितिज भूषण दास जी, इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के गणमान्य एवं प्रबुद्ध बुद्धिजीवी समूह, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, विश्वविद्यालय के कोर्ट, कार्यपरिषद और शैक्षणिक परिषद के सदस्य, संकायाध्यक्ष गण, सभी विभाग के अध्यक्ष, आचार्यगण, गैर शैक्षणिक कर्मचारीगण, मीडिया के बंधु गण और उपाधि प्राप्त कर रहे सभी शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण, सभी को जोहार!
झारखंड के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में आप सभी के मध्य उपस्थित होना मेरे लिए विशेष गौरव का क्षण है। सर्वप्रथम मैं पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त कर उपाधि पा रहे कुल 800 स्नातकों, परास्नातकों और शोधार्थियों को बधाई देता हूँ तथा चांसलर मेडल, गोल्ड मेडल और पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों को विशेष बधाई देता हूं।
यह दीक्षांत समारोह आपके शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। आपके द्वारा अर्जित की गयी शिक्षा के उपरांत प्राप्त होने वाली यह उपाधि आपके कठोर परिश्रम और गहन समर्पण का परिणाम है। आप सबके लिए यह अवसर जितना महत्वपूर्ण है उतना ही आपके शिक्षकों, मार्गदर्शकों, और अभिभावकों के लिए भी यह गौरव का क्षण है। गर्व और प्रसन्नता के साथ यह उन चुनौतियों के लिए भी तैयार होने का समय है जो आपके सुखद भविष्य को आकार देगा। जैसा कि आप सभी को मालूम है कि ज्ञान से बड़ा कोई धन न है और न हो सकता है। इस ज्ञान के माध्यम से ही आप भौतिक सुख से आध्यात्मिक संतोष की यात्रा तय कर सकते हैं। राज्य में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के स्तर को शिखर तक ले जाने के लिए झारखण्ड राज्य सरकार कृत संकल्पित है।
मुझे यह बताते हुए खुशी है कि झारझंड राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की जा चुकी है तथा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम अपनाया गया है तथा बहु-विषयक एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों यथा Multiple Entry-Multiple Exit, Academic Bank of Credits आदि का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन C.U.E.T. के माध्यम से लिया जाने लगा है। राज्य में उच्च स्तरीय शोध कार्य हेतु बुनियादी संरचना विकसित करने, नवाचार और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने तथा शिक्षकों छात्रों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत 1 मार्च 2009 को अस्तित्व में आया झारखंड का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंडवासियों के लिए गौरव की बात है। मुझे यह ज्ञात है कि विश्वविद्यालय वर्तमान में दो परिसरों में परिचालित हो रहा है। अस्थायी परिसर ब्राम्बे, रांची और स्थायी परिसर चेरी-मनातू गाँव में स्थित है। स्थायी परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रथम चरण में 319 एकड़ गैरमजरुआ भूमि हस्तांतरित की गयी थी। इसके अतरिक्त राज्य सरकार ने 139 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण करके केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखण्ड को देने का निर्णय लिया है। इसमें से 15 एकड़ के अधिग्रहण हेतु लगभग 100 करोड़ की राशि का आवंटन किया जा चुका है।
मुझे बताया गया है कि कुछ भूमि के अधिग्रहण में कतिपय समस्याएँ हो रही हैं, इन्हे राज्य सरकार के द्वारा शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा। विश्वविद्यालय में विद्युत आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण किया जा चुका है। इस परिसर हेतु जलापूर्ति की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य भी राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। स्थायी परिसर में शैक्षणिक भवन एवं अन्य आंतरिक सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। झारखंड सरकार स्थायी परिसर के निर्माणाधीन विकास कार्य में अपनी भूमिका निभाने के लिए कृतसंकल्प एवं समर्पित है। राज्य सरकार विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा इसके लिए मैं आपको आश्वस्त करता हूं।
आज जब आप अपनी उपाधि प्राप्त कर रहे हैं तो मैं आपसे यह अपेक्षा रखता हूं कि आप अपने लिए योग्य लक्ष्य निर्धारित करें और इसको साकार करने के लिए अपने ज्ञान और समर्पित परिश्रम का उपयोग करें। विश्वविद्यालय परिवार को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। मैं आप सभी उपाधि धारकों को सार्थक एवं रचनात्मक जीवन यात्रा के लिए शुभकामना देता हूँ।
समाज को आपसे बहुत आशा, आकांक्षा और उम्मीदें है। आपके द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा से झारखंड की भूमि लाभान्वित होगी। झारखंड एक आदिवासी बहुल प्रदेश के साथ-साथ खनिज संपदाओं वाला प्रदेश भी है। आप सभी के द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा और ज्ञान से यहां की खनिज संपदाओं का उपयोग जनहित कार्यों के लिए किया जा सकेगा। राज्य के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने में आप अपनी महत्ती भूमिका निभाएंगे ऐसा मुझे विश्वास है।
अंत में हम सभी की अभिभावक माननीया राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी को इस अवसर पर उनके आगमन हेतु अपनी अकुंठ कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, रांची में भावपूर्ण विदाई देते हुए माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन।
जोहार! धन्यवाद।