घरेलू एयरलाइंस द्वारा वसूले जाने वाला अत्यधिक हवाई किराया
पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष एवं सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल ने भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र के माध्यम से घरेलू एयरलाइंस द्वारा वसूले जाने वाला अत्यधिक हवाई किराया की ओर ध्यानाकर्षित कराया है। मुकेश मित्तल ने लिखा कि बड़ी निराशा की बात है कि घरेलू हवाई किराए में अत्यधिक वृद्धि हुई है जो आम नागरिकों, विशेषकर छात्रों, रोगियों और मध्यम वर्ग के लिए बेहद असंभव है। गो एयरवेज़ के व्यवसाय से बाहर हो जाने के बाद, अन्य ऑपरेटर इसका लाभ उठा रहे हैं। साथ ही, तकनीकी प्रगति और डेटा साझा करने (लोग गूगल और विभिन्न ऐप्स पर सर्च करते हैं) के माध्यम से, ऑपरेटरों को किसी विशेष मार्ग पर उड़ानों की मांग का पता चल जाता है और वे तुरंत किराए में अत्यधिक वृद्धि कर देते हैं। वास्तव में, ये मानने का हर कारण है कि एयरलाइंस ने एक कॉकस/अनैतिक कार्टेल बनाया है और आम नागरिकों की कीमत पर अनैतिक रूप से मुनाफाखोरी कर रहे हैं।
हवाई यात्रा की निषेधात्मक और उच्च लागत के कारण माता-पिता के लिए अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों में भेजना और बेहतर इलाज के लिए महानगरों में जाने वाले रोगियों के लिए यात्रा लगभग असंभव हो गई है। यह आम नागरिकों के व्यय बजट पर एक बड़ा झटका है और उनकी जेब खाली करने का एक संगठित प्रयास है।
मुकेश मित्तल ने अनुरोध किया है कि मामले की तत्काल/गंभीरता से जांच की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एयरलाइंस अपनी मनमर्जी से किराया न बढ़ाएं। बेस किराये और अधिकतम किराये के बीच अधिकतम अंतर की सीमा लागू की जानी चाहिए या कोई अन्य उपयुक्त तरीका इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि आम नागरिकों, विशेषकर छात्रों और मरीजों को राहत मिल सके। एयरलाइंस नियामक डीजीसीए को भी मामले की गहन जांच करनी चाहिए ताकि सभी को न्याय मिल सके।
मुकेश मित्तल ने पत्र की प्रतिलिपी प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार, अर्जुन मुंडा, माननीय जनजातीय कार्य, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार और जमशेदपुर के माननीय सांसद श्री विद्युतवरण महतो को भी भेजी है।