राहुल और सोनिया से जुड़ी 752 करोड़ की संपत्ति जब्त, गांधी परिवार को झटका
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गांधी परिवार से जुड़े एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया की 752 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। इनमें 662 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल की और 90 करोड़ रुपये की संपत्ति यंग इंडिया की है। ईडी के अनुसार इन सारी संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से हासिल किया गया था और इन्हें मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत फिलहाल अस्थायी रूप से जब्त किया गया है।
ईडी के आधिकारिक बयान के 2014 में दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने एक शिकायत का संज्ञान लिया था। उसी आधार पर यह कार्रवाई की गई है। वहीं, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के इस संज्ञान को दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी लेकिन कोई राहत नहीं मिली। ध्यान देने की बात है कि इस मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि यंग इंडिया समेत सात लोंगो ने गलत तरीके से एजेएल की संपत्तियों को हथिया लिया था।
ईडी ने अदालत के आदेश का दिया हवाला
ईडी ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए विस्तार से बताया कि यंग इंडिया को विशेष रूप से एजेएल की संपत्तियों को हथियाने के लिए बनाया गया था। दरअसल एजेएल की स्थापना अखबार और पत्रिकाओं के प्रकाशन के लिए आजादी के पहले किया गया था और इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू समेत 1000 शेयरहोल्डर्स हैं।
क्या है मामला?
एजेएल मुख्यतौर पर नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी एकता अखबार का प्रकाशन करता रहा है। एजेएल को दिल्ली, मुंबई और लखनऊ समेत कई शहरों पर सस्ती जमीन उपलब्ध कराई थी। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2008 में एजेएल ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यवसायिक उपयोग करने लगी। इसी समय एजेएल की संपत्तियों को हथियाने की साजिश रची गई।
सोनिया-राहुल गांधी के कितने हैं शेयर?
ईडी के अनुसार, घाटे में चल रहे एजेएल को कांग्रेस पार्टी से 90.21 करोड़ रुपये का लोन दिया था। एजेएल से लोन वापसी की संभावना को नहीं देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने एक नई कंपनी यंग इंडिया को यह लोन महज 50 लाख में बेच दिया। मजेदार है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों यंग इंडिया में निदेशक हैं और 36-36 फीसद के शेयरहोल्डर्स भी हैं।