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    Home » वायु प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती: 1 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर के उपयोग पर लगेगी रोक
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    वायु प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती: 1 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर के उपयोग पर लगेगी रोक

    Devanand SinghBy Devanand SinghSeptember 29, 2023No Comments3 Mins Read
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    वायु प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती: 1 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर के उपयोग पर लगेगी रोक
    नई दिल्ली. अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 1 अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्‍पॉन्‍स एक्‍शन प्‍लान) का पहला चरण लागू किया जा रहा है, जिसके चलते अब डीजल जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. हर साल सितंबर के अंतिम और अक्टूबर के शुरुआती महीनों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया जाता है. पिछले साल इंडस्ट्रियल एरिया पर प्रतिबंध लगाया गया था. इस बार इसमें डीजल जनरेटर को भी शामिल किया गया है. अब सोसाइटी में लिफ्ट चलाने और अस्पताल की मशीन में डीजल जनरेटर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. इससे दिल्ली एनसीआर के उन लाखों लोगों को दिक्कत होने वाली है जो किसी ना किसी तरह डीजल जेनरेटर पर निर्भर हैं.

     

     

     

    सीक्यूएम ने अब तक आवश्यक सेवाओं के तहत मानकों के अनुसार डीजी सेट प्रतिबंधित आधार पर चलाने की अनुमति थी, किंतु इस संदर्भ में बुधवार को जारी परामर्श में इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। सीक्यूएम ने कहा है कि 30 सितंबर तक सभी हितधारकों को अपने डीजल जनरेटर को बदलना होगा, या फिर उनमें बदलाव करके मान्यता प्राप्त गैस किट लगानी होगी। ताकि इससे होने वाले वायु प्रदूषण पर लगाम लग सके।

    राज्यों को भेजी गई एडवाइजरी में कहा गया है कि एक अक्टूबर से दिल्ली समेत हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के एनसीआर में आने वाले शहर और इलाकों यह प्रतिबंध लागू होगा। पहले वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थितियों के बावजूद (वायु प्रदूषण की स्थिति संवेदनशील होने पर ग्रेप लागू होता है, इसमें विभिन्न प्रतिबंधों के माध्यम से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाता है) अस्पताल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, रेल, मेट्रो, चिकित्सा सेवाओं, जीवन रक्षक उत्पाद से जुड़ी इकाइयों, नर्सिंग होम, स्वास्थ सेवाओं, घरेलू और व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ी सुविधाएं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना, टेलीकॉम, डेटा सेवाएं और आईटी से जुड़ी योजनाओं को डीजी सेट के प्रयोग की अनुमति थी। अब यह भी समाप्त कर दी गई है।

     

     

     

    सीक्यूएम ने कहा है कि उसके संज्ञान में आया है कि अब डीजी सेट को आसानी से गैस सेट में बदला जा सकता है। इसके लिए मान्यता प्राप्त किट बाजार में उपलब्ध हैं। ऐसे में आयोग का मानना है कि जुलाई से अगस्त के बीच आसानी के साथ संबंधित पक्ष जनरेटर बदल सकते हैं या उन्हें गैस चालित बना सकते हैं।इसमें यह भी कहा गया है कि बड़े रिहायशी, व्यावसायिक और औद्योगिक इलाकों में केवल गैस से चलने वाले जेनरेटर और सयंत्र ही चलेंगे, जहां गैस लाइन नहीं है। वहां कैस्केड्स और सिलेंडर के माध्यम से गैस की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सदस्य और संयुक्त सचिव अरविंद कुमार नौटियाल ने कहा है कि वायु गुणवत्ता आयोग की प्राथमिकता दिल्ली समेत समूचे एनसीआर के लोगों को साफ हवा दिलाने की है। इसके लिए जरूर है कि सख्त कदम उठाए जाए, इसलिए अनिवार्य सेवाओं को भी वायु प्रदूषण को कम करने में सहभागिता का निर्वाह करने के लिए डीजी सेट के प्रयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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