प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह : युवाओं में 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़े रहे प्रोस्टेट कैंसर के मामले
– प्रोस्टेट कैंसर में गेम चेंजर साबित होता है रोबोटिक सर्जरी
जमशेदपुर। सितंबर माह को प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। जमशेदपुर समेत पूरे देश में प्रोस्टेट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, यहां तक कि कम उम्र के लोगों में भी इसके शिकार हो रहे है। हाल के अध्ययनों के अनुसार प्रोस्टेट कैंसर प्रति वर्ष 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
यह जीवनशैली में बदलाव, खान-पान और पर्यावरण प्रदूषण के कारण हो सकता है। कैंसर को शीघ्र रोकने और निदान करने की आवश्यकता है और इसलिए जागरूकता बहुत आवश्यक है। मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, कोलकाता के डॉ. अभय कुमार कहते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में रोबोटिक सर्जरी एक गेम चेंजर है। मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल रोबोटिक सर्जरी के लिए पूर्वी भारत में सबसे बड़ा वॉल्यूम सेंटर और सबसे तेजी से बढ़ने वाला केंद्र है।
रोबोटिक सर्जरी एक लागत प्रभावी सर्जिकल प्रक्रिया है, यह कोलकाता में मेडिका ऑन्कोलॉजी यूनिट में सस्ती और आसानी से उपलब्ध है। डॉ. अभय ने बताया कि पहले यह माना जाता था कि बुजुर्गो को प्रोस्टेट कैंसर होता है। लेकिन अब 50 वर्ष के नीचे के लोग भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। ब्रिटिश मेडिकल जनरल (आन्कोलॉजी) की स्टडी में इसका उल्लेख आया है। आठ में एक व्यक्ति प्रोस्टेट कैंसर का शिकार है। भले ही उन्हें इस बीमारी के बारे में मरणोपरांत पता चलता है। इसलिए प्रिवेंशन और
अर्ली डिटेंशन से इसे रोका जा सकता है। लक्षणों के आधार पर हर किसी को 45 से 50 साल के बाद प्रोस्टेट कैंसर की जांच अवश्य करानी चाहिए। फैमिली हिस्ट्री होने पर यह बीमारी कम उम्र में भी हो सकती है। प्रोस्टेट कैंसर में रोबोटिक सर्जरी गेम चेंजर की भूमिका निभाता है। अगर शुरूआत में इस बीमारी का पता चल जाए तो इलाज और ऑपरेशन दोनों संभव है। इसमें खर्च भी कम आता है और अस्पताल में ज्यादा दिन तक भर्ती भी नहीं रहना पड़ता है। साथ ही ब्लड लॉस भी कम होता है।