नोएडा में 400 गाडिय़ां डूबीं तो प्रशासन में मचा हड़कंप, हिंडन उफान पर
दिल्ली. दिल्ली से सटे नोएडा में हिंडन नदी पिछले एक सप्ताह से उफान पर है. मंगलवार को नोएडा के हिंडन नदी से लगे इलाके मैं बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले और कऱीब 400 गाडिय़ां पूरी तरीक़े से पानी में तैरती दिखीं. शाम होते होते टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर इन 400 कारों की चर्चा होने लगी. पता चला कि एक निजी कैब कंपनी ने हिंडन नदी के किनारे कार यार्ड बनाया है, जहाँ पर 400 ऐसी कारें को रखा गया है, जो पुरानी हो चुकी हैं या फिर समय पर किस्त नहीं जमा होने के बाद जब्त की गई हैं. लेकिन गाडिय़ां डूबने का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो प्रशासन में हड़कंप मच गया.
हाल ही में एनजीटी कोर्ट ने हिंडन नदी के किनारे अवैध रूप से बनाई 250 कॉलोनियों को 2 महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया था और अधिकारियों से रिपोर्ट माँगी थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं हुई और आज नोएडा- ग्रेटर नोएडा का हिंडन नदी से सटा इलाका पूरी तरीके से पानी में डूब चुका है.
बुधवार को गौतम बौद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष वर्मा और हाल ही में नोएडा अथॉरिटी के ष्टश्वह्र बनाए गए लोकेश एम मौके पर पहुंचे और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र का जायजा लिया. करीब 400 कारें डूबने के सवाल पर जिलाधिकारी ने डूब क्षेत्र में निर्माण करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.जिलाधिकारी ने आगे कहा कि यहां ओला कम्पनी का डंपिंग यार्ड था. यहां उन्होंने पुरानी और जिन गाडिय़ों की किस्त नहीं चुकी, उन्हें वहाँ रखा हुआ था. उन्हें कई बार चेताया था, लेकिन उन्होंने उसके बावजूद वहाँ से गाडिय़ां नहीं हटाईं. क्षेत्र में किसी प्रकार का निर्माण अवैध होता है और हृत्रञ्ज कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए हम यहाँ पर सख़्त कार्रवाई करेंगे. भू माफिय़ा या जिन लोगों ने भी यहाँ पर क़ब्ज़ा किया है, उन पर जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी. करीब 500 लोगों को रेस्क्यू कराया गया है.
दूसरी तरफ़ नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश ने भी कार्रवाई की बात करते दिखे. उन्होंने बताया कि हिंडन नदी का पानी भरने के बाद गरीब लोगों को रेस्क्यू कराया गया है और अब हम सर्वे कर रहे हैं, जिन लोगों ने अवैध कब्जा किया है, उन पर कार्रवाई की जाएगी. हम एक कमेटी बनाएंगे, अगर कब्जा अवैध है तो फिर उसके बाद मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा.
एनजीटी के आदेश ठंडे बस्ते में डाले
एनजीटी कोर्ट ने अप्रैल महीने की शुरुआत में आदेश दिए थे कि हिंडन नदी के किनारे अवैध रूप से किए गए निर्माण को दो महीने के भीतर ढहाया जाए. इसके लिए बाकायदा एक कमेटी बनाई गई थी, जिसमें जिले के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर को भी शामिल किया गया था. अगर समय रहते कोर्ट के आदेश का पालन हो जाता तो ना अवैध इमारतों पर सवाल खड़े होते हैं और ना ही नदी किनारे बसे लोगों के घर पानी में डूबते.