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    Home » प्रमंडलीय आयुक्त सिंहभूम कोल्हान विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में परित्यक्त खदानों में जमा जल के सदुपयोग के संबंध में समीक्षात्मक बैठक सम्बोधित
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    प्रमंडलीय आयुक्त सिंहभूम कोल्हान विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में परित्यक्त खदानों में जमा जल के सदुपयोग के संबंध में समीक्षात्मक बैठक सम्बोधित

    Nijam KhanBy Nijam KhanAugust 7, 2019No Comments3 Mins Read
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    संतोष वर्मा

    चाईबासा।मंगलवार को प्रमंडलीय सभागार में आयुक्त विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में परित्यक्त खदानों में जमा जल के सदुपयोग के संबंध में समीक्षात्मक बैठक संबोधित की गई जिसमें प्रमुख रुप से उपायुक्त पश्चिम सिंहभूम अरवा राजकमल, आयुक्त के सचिव, उप निर्देशक खान कोल्हान प्रमंडल, अधीक्षक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता अंचल चाईबासा, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल चाईबासा, निर्देशक एसीसी प्लांट झिकपानी, एभीपी रुंगटा माइन्स, निर्देशक टाटा स्टील लिमिटेड, निर्देशक नोवामुंडी एवं सेल गुवा मुख्य रूप से शामिल हुए।

    प्रमंडलीय आयुक्त विजय कुमार सिंह के द्वारा बताया गया कि पश्चिम सिंहभूम जिले अंतर्गत अनेक परित्यक्त खान मौजूद है । जिसका वर्तमान में कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। उक्त खानों में भारी मात्रा में पानी का जमावड़ा हो गया है। जिस पानी का वर्तमान में किसी भी प्रकार का उपयोग नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में भूगर्भ जलस्तर लगातार नीचे गिरता चला जाने से भविष्य में होने वाले जल संकट से इंकार नहीं किया जा सकता है। फलस्वरूप वर्षा जल एवं अन्य प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त जल के संचयन की आवश्यकता है। सरकार का यह निर्देश भी है कि एक – एक बूंद पानी का उपयोग किया जाए उक्त खानों में संचित जल भंडार का प्रयोग क्षेत्र के आसपास के गांव में नल अथवा अन्य माध्यमों से पेयजलापूर्ति एवं कृषि कार्य हेतु सिंचाई के रूप में किया जा सकता है।

    प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष बैठक के उपरांत उक्त बिंदुओं पर की गई चर्चा

    >> रुंगटा माइन्स चाईबासा के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि चाइना क्ले के माइंस में जलजमाव अत्यधिक है। तथा कई माइंस में कार्य किए जाने के पूर्व उक्त माइंस का जल दूसरे में डाल दिया जाता है। तत्पश्चात पहले माइंस में कार्य शुरू किया जाता है । माइंस से जो भी पानी निकलता है, उसे नाले के सहारे बहा दिया जाता है इस क्रम में आयुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि पानी का कंपनी द्वारा सदुपयोग किया जाना चाहिए तथा व्यर्थ में बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।

    >> एसीसी झिकपानी के प्रतिनिधि के द्वारा बताया गया कि एसीसी प्लांट अपना पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए माइंस का ही पानी का प्रयोग करता है। तथा उन्होंने बताया कि ए ब्लॉक वाले माइंस में जो भी जल मौजूद है। उस जल का प्रयोग गांव वाले नहाने एवं गाड़ी धोने हेतु करते हैं। साथ ही कंपनी द्वारा बताया गया कि टोंटो प्रखंड के 04 गांव में पाइप लाइन के सहारे कंपनी के द्वारा पानी मुहैया कराई रही है।

    >> टाटा स्टील नोवामुंडी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि उनके पास परित्यक्त खान की संख्या शून्य है तथा उनके पास ऐसा कोई भी खान नहीं है। जिसमें जल जमा हुआ है।
    प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा उप निर्देशक खान को निर्देश दिया गया कि कंपनी प्रबंधक से समन्वय स्थापित कर ऐसे सभी परित्यक्त खदानों का भौतिक सत्यापन कर उसमें कितने मात्रा में जल जमा हैं। उसका आकलन किया जाए। तथा उक्त जल का प्रयोग पेयजल अथवा सिचाई के रूप में किया जा सके इसका प्रतिवेदन तैयार करे।
    सेन्ट्रल वाटर बोर्ड रांची से अनुरोध किया जाए कि वे ग्राउंड वाटर एवं जल संग्रह का कैसे सदुपयोग हो उस पर अपना सर्वे रिपोर्ट दें तथा सेंट्रल वाटर बोर्ड रांची अधीक्षक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता अंचल चाईबासा एवं उप निर्देशक खान कोल्हान प्रमंडल सभी संबंधित बिंदुओं पर अपना मंतव्य सहित प्रतिवेदन 15 दिनों के भीतर देंगे ताकि अनुकूल जल संग्रह का सदुपयोग किया जा सके
    ताकि सभी परित्यक्त खदानों का भौतिक सत्यापन के पश्चात जमा पानी का पेयजल अथवा सिंचाई के रूप में प्रयोग किए जाने हेतु प्रतिवेदन सरकार को भेजा जा सके।

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