बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की तरफ राज्यव्यापी प्रतिरोध के तहत विभिन्न प्रखंडों में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
बेगूसराय : – बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाही एवं सेवा शर्त नियमावली 2023 में बदलाव की मांग को लेकर शिक्षकों का संघर्ष जारी है । इसी क्रम में बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की तरफ से राज्यव्यापी प्रतिरोध के तहत विभिन्न प्रखंडों में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन किया।भगवानपुर प्रखंड मुख्यालय पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के उपरांत आयोजित प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक नेता ज्ञानप्रकाश और धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बिनाशर्त राज्यकर्मी का दर्जा बिहार के सरकारी विद्यालयों को संभालनेवाले नियोजित शिक्षकों का हक है ।कैबिनेट द्वारा स्वीकृत वर्तमान नियमावली शिक्षकों के लिए न केवल अपमानजनक है बल्कि उनके श्रमिक हकों पर भी हमला है।
सूबे के विद्यालयों में स्थानीय निकाय के तहत नियोजित शिक्षकों को बगैर परीक्षा बाध्यता के सीधे राज्यकर्मी का दर्जा मिलना चाहिए । मौके पर उपस्थित स्नातक ग्रेड संघ के शिक्षक नेता राधारमण पाठक ने मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये शिक्षक विरोधी बयान की तीखी भर्त्सना की । गौरतलब है कि विगत 18 अप्रैल को जिले के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने बैठक कर सर्वसम्मति से बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा बेगूसराय जिला ईकाई का गठन किया है ।संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आगामी 26 अप्रैल को बेगूसराय जिला मुख्यालय पर प्रतिरोध कन्वेंशन का आयोजन होगा ।
अध्यापक नियुक्ति नियमावली पर भड़के शिक्षकों का कहना है कि महागठबंधन सरकार के द्वारा चुनावी घोषणापत्र के माध्यम से बिहार के लाखों शिक्षकों से वादा किया गया था की सभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा, नियमित शिक्षकों के समान सेवाशर्त, समान काम का समान वेतन और पुरानी पेंशन की व्यवस्था की जाएगी।इसके विपरीत कैबिनेट के द्वारा स्वीकृत बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 से पूर्व से बहाल शिक्षकों को पूर्णतः अलग थलग रखकर लाखो शिक्षकों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है और वे सरकार की वादाखिलाफी से मर्माहत है तथा उनके अंदर विभाग और सरकार के प्रति व्यापक रोष है ।
भगवानपुर प्रखंड मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राहुल विकास रामकुमार शर्मा बाबुल कुमार राम पुकार सुधीर कुमार आदि तमाम लोग उपस्थित थे ।