जबलपुर -: आईपीएएस के माध्यम से रेलकर्मियों को भुगतान किए जा रहे विभिन्न भत्तों का भुगतान बंद किये जाने के बाद एआईआरएफ ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर भत्तों का भुगतान पुन: प्रारंभ करने की मांग की है. डब्ल्यूसीआरईयू के महासचिव मुकेश गालव ने बताया कि हाल ही में रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों को निर्देश जारी किए हैं कि आईपीएएस के माध्यम से रेलवे कर्मचारियों को भुगतान किए जा रहे भत्तों का
भुगतान रोक दिया जाए.उन्होंने बताया कि रेलकर्मियों के भत्ते बंद किए जाने को लेकर रेलवे बोर्ड ने दलील दी कि कुल व्यय पहले ही इसके लिए आवंटित संशोधित अनुदान से अधिक हो गया है। रेलवे बोर्ड ने फिलहाल रेलकर्मियों को दिए जाने वाले बच्चों का शिक्षा भत्ता- पीयू 25, यात्रा व्यय-पीयू 16, यात्रा भत्ता- पीयू 15, रात्रि ड्यूटी भत्ता- पीयू 12 और स्थानापन्न भत्ता- पीयू 31 का भुगतान रोक दिया है.
उल्लेखनीय है कि आईपीएएस के तहत व्यय की बुकिंग एक वित्तीय वर्ष में होने वाले संभावित व्यय की राशि के आधार पर की जाती है, जबकि व्यय की वास्तविक राशि सामान्य रूप से बुक की गई राशि से अधिक होती है और विशेष रूप से रेलवे कर्मचारियों का भत्ता. मुकेश गालव ने बताया कि रेलवे बोर्ड का ये निर्देश अत्यधिक अनुचित है और इससे रेलकर्मियों के लिए परेशानी भरा है. साथ ही भत्तों का भुगतान नहीं होने से कर्मचारियों में रोष है. एआईआरएफ ने मांग की है कि रेलवे बोर्ड उक्त निर्देशों पर फिर से विचार करे और बिना किसी बाधा के उपरोक्त भत्तों के भुगतान की अनुमति दी जाए.