बेगूसराय : सोमवार को हिंदी विभाग गणेश दत्त महाविद्यालय के तत्वावधान में हिंदी की लंबी कविता और आद्य नायिका विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप इन हिंदी एवं मैथिली के ख्यातिलब्ध युवा कवि एवं आलोचक डॉ अरुणाभ सौरभ ने हिंदी की लंबी कविताओं के इतिहास पर बात रखते हुए कहा कि भारत की विभिन्न भाषाओं और खास कर हिंदी में लंबी कविताओं की मजबूत और पुरानी परंपरा रही है। निराला से सरोज स्मृति और राम की शक्ति पूजा से लेकर राजकमल चौधरी मुक्ति प्रसंग , मुक्ति बोध की अंधेरे में ब्रह्म राक्षस से लेकर आद्य नायिका तक भारत के सांस्कृतिक इतिहास को समेटा गया है। हिंदी की लंबी कविताएं आजादी पूर्व और आजादी बाद के भारत का दहकता हुआ इतिहास हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो कमलेश कुमार ने कहा कवि के रूप में डॉ अरुणाभ ने जन सरोकार के लक्ष्यों को पूरा करने का काम किया है। इन्होंने आद्य नायिका के बहाने इतिहास में कदम रख कर वर्तमान को आंदोलित करने का काम किया है। वहीं डॉ अरमान आनंद ने संचालन करते हुए कहा कि आद्यनायिका एक विशुद्ध सामाजिक-राजनैतिक सरोकारों से जुडी हुई कविता है।
वहीं डॉ अभिषेक कुंदन ने कहा कि हिंदी साहित्य में कवियों की भावनाओं एवं विचारों को आधार एवं विस्तार लंबी कविताओं ने ही प्रदान किया है। हिंदी साहित्य में लंबी कविताओं का अपना एक विशेष महत्व रहा है जिसमें निराला और मुक्तिबोध जैसे कवियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय वक्तव्य में महाविद्यालय पर प्रधानाध्यापक प्रो राम अवधेश कुमार ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण का विकास होता है। इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिए। अंत मे धन्यवाद ज्ञापन करते हुए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो बिपिन कुमार चौधरी ने हिंदी की लंबी कविताओं को महाकाव्य और खण्ड काव्य का आधुनिक रूप बताया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं वक्ता अरुणाभ सौरभ और कवयित्री रूपम झा ने हिंदी एवं मैथिली कविताओं का पाठ किया।कार्यक्रम में भौतिक विभाग के अध्यक्ष प्रो नौशाद आलम, मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार, अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर जिकरुल्ला खान संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एस के पांडेय, हिंदी विभाग की प्रो श्रवसुमि कुमारी, प्रो अंजू कुमारी उर्दू विभाग के प्रोफेसर अब्दुल्ला, एवं महाविद्यालय के छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।