नई दिल्ली: देश में 15 अप्रैल से लागू लॉकडाउन-2 में मिली छूट को बहुत से राज्य अपनी मनमर्जी से लागू करने की बात कर रहे हैं. केंद्र और राज्यों के बीच मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र, उड़ीसा व राजस्थान आदि राज्यों ने ई-कॉमर्स कंपनियों को जरूरी और गैर-जरूरी वस्तुओं का कारोबार करने की इजाजत दे दी. गृह मंत्रालय का कहना था कि केवल जरूरी वस्तुओं के लिए यह छूट प्रदान की गई है.
लॉकडाउन में कितने वाहन चलेंगे, इस पर भी अनेक राज्य अलग राह पर चलते हुए दिखे. मेडिकलकर्मियों की सुरक्षा और क्वॉरंटीन केंद्र का सुरक्षा चक्र टूटने की शिकायतें आने लगी. नतीजन, रविवार 19 अप्रैल की देर शाम को केंद्रीय मंत्री अमित शाह को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा.उन्होंने कहा, जो इलाके हॉट-स्पॉट/क्लस्टर्स या कंटेनमेंट जोन में नहीं आते और वहां कुछ गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी जा रही है, वहां सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. राज्य के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि छूट केवल वास्तविक परिस्थितियों का यथोचित आंकलन करके ही प्रदान की जाए. अमित शाह ने पीएम मोदी का नाम लेकर यह भी कहा कि देश उनके नेतृत्व में कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है.केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में कई बार एडवायजरी को संशोधित किया गया है. मंत्रालय ने जिन नियमों के पालन की बात कही थी, अनेक राज्यों में उसका पालन होता दिखाई नहीं दिया. राजस्थान, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना व बिहार सहित कई राज्यों ने लॉकडाउन में अपने ही नियम बना डाले. लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के कितने वाहन और कहां चलेंगे, इस बाबत भी केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल नहीं बनता दिखा.इसके बाद मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा कि वे लॉकडाउन के नियमों को ध्यान में रखकर ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहनों को चलने की छूट प्रदान करें. पहले यही नहीं समझ आया कि कंपनियों या छूट प्राप्त दूसरे संगठनों के वाहनों को इजाजत कौन देगा. इसके लिए राज्यों ने केंद्र से आग्रह किया कि वह इस बाबत दिशा निर्देश दे. गृह मंत्रालय ने कहा, एडवायजरी के मुताबिक, राज्य अपने स्तर पर ऐसे वाहनों के लिए पास जारी कर सकता है. इसके बाद कुछ राज्यों से यह खबर आई कि ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहन 24 घंटे चल सकते हैं. इन सबके बीच रविवार को केंद्र ने यह भी कह दिया कि ई-कॉमर्स कंपनियां केवल जरूरी वस्तुओं का कारोबार करेंगी.
बड़े औद्योगिक परिसरों के संचालन पर विशेष ध्यान दिया जाए
गृहमंत्री शाह ने कहा, विशेषकर ऐसी इकाइयों के संचालन पर राज्य खास ध्यान दें, जहां मजदूरों को परिसर में ही रखने की व्यवस्था हो. इससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी. साथ ही मज़दूरों को रोजगार प्रदान करने में मदद मिलेगी. इस विषम परिस्थिति में मोदी सरकार देश के सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है. उद्योगों के साथ कृषि तथा मनरेगा गतिविधियों के माध्यम से भी मजदूरों को रोजगार देने की संभावनाओं पर कार्य करना होगा. वे मजदूर, जो राहत शिविरों में रह रहे हैं, उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं, जैसे भोजन की गुणवत्ता आदि पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए. यद्यपि ये स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन इस प्रकार के मुद्दों का हल निकाला जा सकता है.