पटना. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की तबीयत बिगड़ गई है. इन दिनों वे आइसीयू में भर्ती है. उन्हें छोड़ कर बिहार आना फिलहाल बेटे चिराग पासवान के लिए संभव नहीं है. अपनी मजबूरी बयां करते हुए एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान ने पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं को मार्मिक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार के भविष्य व सीटों के तालमेल को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में किसी भी सहयोगी घटक दल से कोई बात नहीं हुई है.
तीन सप्ताह से अस्पताल में हैं रामविलास पासवान
अपनी चिट्ठी में चिराग ने लिखा है कि कोरोना संक्रमण काल में लोगों को राशन की परेशानी न हो, इसके लिए उनके पिता अपना रूटीन हेल्थ चेक-अप लगातार टालते रहे. इस कारण वे अस्वस्थ हो गए. बीते तीन सप्ताह से वे अस्पताल में हैं.
इस हाल में आइसीयू में छोड़ कर हटना संभव नहीं
चिराग पासवान ने लिखा है कि वे पिता को रोज बीमारी से लड़ते देख कर विचलित हो जाते हैं. पिता पटना जाने के लिए कहते हैं, लेकिन बेटा होने के नाते वे उन्हें इस हाल में आइसीयू में छोड़ कर नहीं हट सकते हैं. नहीं तो वे खुद को कभी माफ नहीं कर पाएंगे.
अध्यक्ष होने के नाते पार्टी के साथियों की भी चिंता
चिराग पासवान ने आगे लिखा है कि पार्टी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें उन साथियों की भी चिंता है, जिन्होंने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के लिए जीवन समर्पित कर दिया है. लिखा है कि उनकी बिहार के भविष्य व चुनाव में सीटों को लेकर गठबंधन के घटक दलों से बात नहीं हुई है . यह बात उन्होंने पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में भी कही थी.
विकास के रोड मैप को जनता के बीच रखना जरूरी
चिराग पासवान ने लिखा है कि बिहार की मौजूदा सरकार महागठबंधन सरकार के दौर के सात निश्चय कार्यक्रम पर काम कर रही है. चिराग पहले इसे महागठबंधन का कार्यक्रम बताते हुए आलोचना कर चुके हैं. अपने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की चर्चा करते हुए चिराग ने लिखा है कि बिहार को विकास पथ पर ले जाने के लिए पार्टी के विकास के रोड मैप को जनता के बीच रखने की जरूरत है.