कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में सभी शरणार्थी बस्तियों को नियमित किया जायेगा. इसका मतलब है कि शरणार्थी के तौर पर रह रहे लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिया जायेगा. सुश्री बनर्जी ने कहा कि 1971 से ही यह लोग अधर में लटके हुए हैं और ना तो इनके पास जमीन है और ना ही घर.वह न घर के हैं न घाट के. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका मानना है कि शरणार्थियों का यह हक है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि प्राइवेट पार्टी और केंद्र सरकार की जमीन पर बनी शरणार्थी बस्तियों को नियमित करने के प्रयास किये जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विस्थापित हुए लोगों को भी राज्य सरकार की ओर से जमीन का मालिकाना हक दिया जायेगा. इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है.सोमवार को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार की जमीन पर बसी 94 शरणार्थी बस्तियों को नियमित किया जा चुका है. कई बस्तियां केंद्र सरकार और प्राइवेट पार्टी की जमीन पर बसी हुई हैं. सरकार लंबे समय से कह रही है कि इन बस्तियों को भी रेग्युलराइज करके लोगों को जमीन का अधिकार दिया जाये.हालांकि, लोगों को जमीन खाली करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की काफी जगह है जहां शरणार्थी रह रहे हैं. वह 48 वर्षों से वहां रह रहे हैं. इतने वर्षों से रहने पर भी उनके पास कोई अधिकार नहीं है. इसिलए उन्हें यह अधिकार दिया गया है. अब तक 1.25 लाख परिवारों को नियमित किया जा चुका है.